बहन भाई के बीच का झगड़ा, पैदा ना कर दे हेल्थ का लफड़ा

भाई-बहन के बीच ऐसे तो बहुत वजहों से झगड़ा होता है. जिनमें खाने पर, खिलौनों पर, टीवी को देखने पर, कपड़ों को लेकर, आदि इन सभी पर झगड़ा होना आम-सी बात है. लेकिन, ये लड़ाई भी एक हद तक ही अच्छी लगती है. जब वो बढ़ जाती है.

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Megha Jain
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Siblings Fight

Siblings Fight( Photo Credit : News Nation)

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भाई-बहन में झगड़ा होना बहुत आम बात है. ऐसे तो उनमें बहुत प्यार होता है. लेकिन, बिना लड़े उन्हें भी चैन नहीं पड़ता. अगर वो ना लड़े तो घर में भी माहैल नहीं बनता है. कहते हैं ना, लड़ाई से प्यार बढ़ता है. बस, उसी लड़ाई से बच्चों के बीच का प्यार बढ़ता है. लेकिन, कभी-कभी ये लड़ाई हेल्थ के लिए बड़ी नुकसानदायक भी साबित हो सकती है. जी हां, सही सुना आपने नुकसानदायक. तो आज हम आपको वहीं बताने जा रहे हैं कि किन-वजहों से भाई-बहनों में लड़ाई होती है. साथ ही उस लड़ाई का असर हेल्थ पर किस प्रकार से होता है. ये भी बता देंगे कि इस लड़ाई को आखिर कैसे सुलझाया जाए. 

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भाई-बहन के बीच ऐसे तो बहुत वजहों से झगड़ा होता है. जिनमें खाने पर, खिलौनों पर, टीवी को देखने पर, कपड़ों को लेकर, आदि इन सभी पर झगड़ा होना आम-सी बात है. लेकिन, ये लड़ाई भी एक हद तक ही अच्छी लगती है. जब वो बढ़ जाती है. तो, इसे रोकने के लिए बीच-बचाव करना बेहद जरूरी होता है. लड़ाई के कारण सिर्फ यही नहीं है और भी बहुत है जैसे कि घर के किसी एक बच्चे को ज्यादा प्यार या सपोर्ट मिलने से दूसरे भाई-बहन या सिबलिंग को बुरा लग जाता है जिसकी वजह से उनके रिश्ते में दरार आ जाती है. माता-पिता के अलग-अलग बिहेवियर की वजह से सिबलिंग के बीच लड़ाइयां सबसे ज्‍यादा होती हैं.

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अगर हम ये कहें कि भाई-बहन के बीच की लड़ाइयां उनकी हेल्थ पर असर डालती हैं. तो ये भी सही है. वो हम नहीं कह रहे हैं. वो एक स्टडी कह रही है. एक रिसर्च के मुताबिक, यूथ अपने भाई बहन से बार-बार तंग हो जाते हैं. छोटी उम्र में लड़ाई करने के बाद मेंटल हेल्थ के इशूज़ को बढ़ने के चांसिज ज्यादा होते हैं.

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अगर लड़ाई खत्म करने के बारे में सोचा जाए तो लड़ाई खत्म करने के भी कई तरीके हैं. जो मां-बाप को लड़ाई को खत्म करने के लिए अपनाने चाहिए. जिनमें सबसे पहले आता है कि बच्चें जब आपसे भाई या बहन की गलती बताएं तो उनकी बात खुल कर सुनें, पर उन्हें यह जरूर समझाएं कि उनके भाई या बहन ने उनकी कैसे, कब और कितनी मदद की है. जैसे कई बार बड़े भाई-बहन अपने से छोटे भाई-बहनों की होमवर्क में मदद करते हैं या फिर उनके साथ खेलते हैं. आम तैर पर आपको अपने बच्चों को ये सिखाना होगा कि उनमें से कोई भी एक-दूसरे के बिना नही रह पाएगा. इसलिए बेहतर है कि वे साथ-साथ खुश होकर रहें न कि लड़ाई करके. वहीं एक तरीका ये भी होता है कि बच्चों को ये भी बताना बेहद जरूरी है कि झगड़ा बढ़ाने का फायदा नहीं होता. बल्कि झगड़ा खत्म करने के कई फायदे होते हैं. अपनी बात शांति से सामने रखकर परेशानी का हल निकल सकता हैं. ना की चीख-चिल्लाकर. उन्हें यह भी समझाएं कि एक-दूसरे की जो बातें उन्हें पसंद नहीं हैं, उन बातों को क्लीयर बता दें. ऐसा नहीं करने पर मन में बात बैठी रहेगी और आगे चल कर ये उनके लिए आपस में दुश्मनी का कारण भी बन सकती हैं.

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