मानसून की विदाई के बाद अब गुलाबी ठंड दस्तक देने वाली है. लेकिन सर्दी का मौसम इस बार सर्द बनने वाला है. वजह कोरोना वायरस है. सदी के मौसम में फ्लू आम बीमारी होती है. सर्दी-खांसी से लोग परेशान रहते हैं. चिंता का सबब ये है कि अगर कोई शख्स फ्लू और कोरोना वायरस (Coronavirus) दोनों की चपेट में एक साथ आता है तो उसकी जान को ज्यादा खतरा हो सकता है.
पबल्कि हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट सामने आई है. जिसके मुताबिक, को-इंफेक्शन से इंसान की मौत का खतरा दोगुना बढ़ जाता है. एक्सपर्ट ने इस बार सर्दी में दोहरा झटका लगने की चेतावनी दी है. बताया जा रहा है कि अगर किसी को फ्लू और कोरोना वायरस होता है वो अस्पताल में दाखिल हुए मरीजों की जान को दोनों टेस्ट में नेगेटिव पाए जाने वाले व्यक्ति की तुलना में खतरा छह गुना ज्यादा होता है.
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पबल्कि हेल्थ इंग्लैंड (PHE) की रिपोर्ट की मानें तो 20 जनवरी से 25 अप्रैल के बीच इंग्लैंड में 20,000 ऐसे मामले दर्ज किए गए, जहां मरीज फ्लू और कोरोना दोनों से संक्रमित पाए गए. इनमें से ज्यादातर मरीजों की हालत काफी गंभीर थी. कोविड-19 और फ्लू की चपेट में आने के बाद 43 प्रतिशत लोगों की मौत हुई, जबकि इसकी तुलना में कोविड-19 से मरने वाले केवल 27 प्रतिशत थे
एक्सपर्ट का कहना है कि सर्दी के मौसम में अब आपको ज्यादा ख्याल रखना होगा. अगर लोग फ्लू से खुद की रक्षा नहीं करत पाते हैं तो अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होगा. लोग एक समय में दो बीमारियों का प्रकोप नहीं झेल पाएंगे.
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वहीं इंग्लैंड में अबतक का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलने वाला है. इसके तहत तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का टारगेट है. जो कि पिछले साल की तुलना में दोगुना होगा. इसमें 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं जैसे गंभीर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी. यदि इस वर्ग के लिए वैक्सीन पर्याप्त रहती है तो बची हुई वैक्सीन 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दी जाएगी. क्योंकि इन वर्ग के लोगों को ज्यादा खतरा होता है. बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम होती है.
Source : News Nation Bureau