कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन (Vaccine) काफी अहम है. इसीलिए सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी लोगों का टीकाकरण हो जाए, ताकि कोरोना का खतरा काफी कम हो. पढ़ाई या किसी अन्य कामों के लिए विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए भी वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दी जा रही है. लोग वैक्सीन ले भी रहे हैं, मगर विवाद कोवैक्सीन को लेकर बना हुआ है. बीते दिनों खबरें आईं कि कोवैक्सीन लगवाने वाले लोग विदेश यात्रा नहीं कर पाएंगे. मगर अब कोवैक्सीन ( Covaxin ) लेने वालों के लिए जल्द विदेश जाने का रास्ता खुल सकता है.
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भारत में लोगों को फिलहाल दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, जिसमें से एक देश में विकसित और निर्मित कोवैक्सीन शामिल हैं. बार बार कोवैक्सीन को विवादों में घसीटने की कोशिश होती रही है और ताजा घटनाक्रम विदेश यात्रा को लेकर है. लेकिन अब कोवैक्सीन Covaxin टीका लेने वालों के लिए जुलाई-सितंबर के बीच विदेश जाने का रास्ता खुल सकता है. ईयूएव (इमरजेंसी यूज लिस्टिंग) के लिए डब्लूएचओ को अप्रूवल के लिए भेजा गया है. इसके अलावा वैक्सीनेशन पासपोर्ट यानी वैक्सीनेटेड लोगों के लिए पासपोर्ट में जानकारी लिंक करने की बात कही गई है.
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क्या है वैक्सीनेशन पासपोर्ट?
वैक्सीन पासपोर्ट आपको हवाई सफर करने का सर्टिफिकेट देता है. यह सर्टिफिकेट बताता है कि आप कोरोना का टीका ले चुके हैं और आप खुद के लिए और अन्य लोगों के लिए खतरा नहीं हैं. लिहाजा ऐसे लोगों को सफर की इजाजत मिलनी चाहिए. पिछले महीने यह कॉनसेप्ट इजरायल में लागू किया गया है. इजरायल दुनिया का पहला देश है जिसने वैक्सीन पासपोर्ट जारी कर लोगों को हवाई सफर की इजाजत दी है. इस पासपोर्ट के सहारे लोग अपने देश के अंदर जनसुविधाओं जैसे होटल, जिम और रेस्टोरेंट में बेहिचक जा सकते हैं.