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एंटीऑक्सिडेंट्स का पावरहाउस है गिलोय, जानें इसके सेवन के 5 तरीके और इसके फायदे

आयुर्वेदिक चिकित्सा में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले गिलोय को अक्सर अमरता की जड़ कहा जाता है. इसे एंटीऑक्सिडेंट्स का पावरहाउस कहा जाता है और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के जोखिम को कम करता है.

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Sunil Mishra
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एंटीऑक्सिडेंट्स का पावरहाउस है गिलोय, जानें इसके सेवन के 5 तरीके( Photo Credit : File Photo)

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आयुर्वेदिक चिकित्सा (Ayurveda) में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले गिलोय को अक्सर अमरता की जड़ कहा जाता है. इसे एंटीऑक्सिडेंट्स (Anti Oxidents) का पावरहाउस कहा जाता है और कैंसर (Cancer) जैसी घातक बीमारियों के जोखिम को कम करता है. कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Epidemic) की शुरुआत के बाद से लोगों ने अधिक से अधिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करना शुरू कर दिया है. गिलोय प्रतिरक्षा (Resistence-रेसिस्‍टेंस) को बढ़ाने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक है.

गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और खून को शुद्ध करने का काम करता है. इसके साथ ही यह बैक्‍टीरिया से लड़ता है. लीवर की बीमारी वाले लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद है. बुखार को कम करने में भी गिलोय सहायक होता है. डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसे जानलेवा बुखार के लक्षणों को यह कम कर सकता है. गिलोय का सेवन 5 तरीकों से किया जा सकता है.

  • दूध के साथ गिलोय को उबालकर पीएं. इससे जोड़ों के दर्द में काफी फायदा होता है. गिलोय और अदरक मिलकर गठिया के इलाज में भी मददगार साबित हो सकते हैं.
  • गिलोय के तने को चबाएं. अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए यह तरीका बहुत फायदेमंद होता है. अस्थमा के लोग लक्षणों को कम करने के लिए गिलोय के रस भी ले सकते हैं.
  • गिलोय का अर्क आपकी दृष्टि को बढ़ा सकता है. गिलोय पाउडर को उबालें और इसे ठंडा होने दें. अब इसमें एक कॉटन पैड को भिगोएं और फिर अपनी पलकों पर लगाएं.
  • रेसिस्‍टेंस पावर बढ़ाने के लिए गिलोय को कुछ अल्मा, अदरक और काले नमक के साथ मिलाएं. ब्लेंडर में सभी सामग्री के साथ थोड़ा पानी डालकर अच्छी तरह से मथ लें. मिश्रण का सेवन करने से पहले इसे छान लें.
  • गिलोय के कुछ तने लें और उन्हें एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी कम मात्रा में न रह जाए. पानी को छान लें और रोजाना इसका सेवन करें. यह आपके रक्त को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को निकालने और रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करेगा.
  • गिलोय स्टेम पाचन में सुधार, कब्ज, अम्लता, गैस और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. यह कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों के लिए अच्छा काम करता है.
  • यह शरीर की इंसुलिन प्रतिक्रिया को भी बढ़ाता है, इससे मधुमेह का स्‍तर कम होता है. इसके नरम तने के सेवन से मानसिक तनाव दूर होता है. आपकी याददाश्त बढ़ती है. नियमित रूप से इसका सेवन आपको शांत होने में मददगार साबित हो सकता है.
  • जानकारों का कहना है कि गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और टाइप 2 मधुमेह का इलाज करने में मदद करता है. गिलोय के रस ने उच्च रक्त शर्करा के स्तर वाले लोगों में अद्भुत परिणाम दिखाए हैं.
  • गिलोय पाउडर को पानी में उबालें और इसे ठंडा होने दें और फिर पेस्ट को अपनी पलकों पर लगाएं. गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं जो गठिया के लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

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