कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) की तीसरी लहर की आशंका के बीच एक राहत भरी खबर आ रही है. बीते कई दिनों से थमते दिख रहे कोरोना संक्रमण की कड़ी में अच्छी खबर यह है कि बीते कई महीनों से कोविड-19 (COVID-19) का कोई नया रूप यानी वेरिएंट नहीं आया है. हालांकि डेल्टा वेरिएंट अभी भी लोगों को अपना निशाना बना रहा है, लेकिन और कोई भी वेरिएंट को अभी तक गंभीर घोषित नहीं किया गया है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कोरोना वेरिएंट के कुछ नए उप-वंश आ रहे हैं, लेकिन राहत भरी बात यह है कि इनमें से कोई भी संक्रमण वाला या अधिक वायरल नहीं पाया गया है.
नए उप-वंश से भी कोई खतरा फिलहाल नहीं
इस बारे में भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के सह-अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा बताते हैं. उनके मुताबिक देश में कोविड-19 का कोई नया रूप या वेरिएंट ऑफ कंसर्न सामने नहीं आया है. उन्होंने बताया, 'पिछले चार-पांच महीनों के दौरान कोरोना वायरस का कोई नया रूप सामने नहीं आया है. शुरुआत में ‘डेल्टा +’ के साथ कुछ गंभीर चिंताएं थीं, लेकिन बाद में हमने पाया कि यह उस वंश का हिस्सा है जिसे हम एवाय (1 से 13) कहते हैं. हालांकि नए उप-वंश आ रहे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी अधिक संक्रमण वाला नहीं है. देश के विशेषज्ञ इन सबी पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं.' हालांकि कोविड-19 का डेल्टा संस्करण अब भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न बना हुआ है.
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फिर भी विशेषज्ञ रख रहे कड़ी निगरानी
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना का डेल्टा वेरिएंट देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 459 जिलों में फैला है. सामुदायिक नमूनों में पाए गए सार्स-कोव-2 के वेरिएंट ऑफ कंसर्न में डेल्टा- 25,164, एवाय सीरीज- 4143, कप्पा और बी.1.617.3 5364, अल्फा-3,655, बीटा-102 और गामा-1 हैं. सितंबर के महीने तक पैंगोलिन वंश के नमूनों की कुल संख्या 60,043 है. एक अन्य वर्गीकरण से पता चला है कि कुल 54,865 नमूने लिए गए और 5,178 नमूने यात्रियों के थे. कुल वेरिएंट ऑफ कंसर्न 39,283 है जिसका अनुपात 65.4 है. इसके अलावा पूरे देश से लगातार नमूने लिए जा रहे हैं और यह देखने के लिए लगातार निगरानी भी की जा रही है कि अगर कोई वेरिएंट ऑफ कंसर्न तो नहीं है.
HIGHLIGHTS
- पिछले 4-5 महीनों में नहीं मिला है कोरोना का नया वेरिएंट
- फिलहाल देश में कोरोना के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार
- सामने आ रहे नए उप-वंश से भी कोई खतरा फिलवक्त नहीं