आज हर नौजवान सलमान खान (salman khan), ऋतिक रोशन (hrithik roshan), टाइगर श्रॉफ (tiger shroff) जैसी बॉडी चाहता है. वे जिम में घंटों सिर्फ यही सोचकर बिता देते हैं कि वे कुछ ही दिन में एक्टर्स की तरह बॉडी बनाकर कमाल के दिखने लगेंगे. इसलिए वे तरह-तरह की एक्सरसाइज करते हैं. हाई-प्रोटीन डाइट भी लेते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है जिम में बॉडी बनाने से किडनी भी फेल हो सकती है. जी हां, सही सुना आपने, किडनी फेल्योर (kidney failure). आज कल ये रेस इतनी लगी हुई है कि हर दूसरा नौजवान खुद को नुकसान पहुंचाता नजर आ रहा है. इसी लिए आज हम आपको यही बताने वाला है कि जिम में एक्सरसाइज करने से किडनी पर कैसे इफेक्ट पड़ता है.
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आज कल यूथ सिक्स-पैक्स का इतना दीवाना हो गया है. इसी दीवानेपन को देखते हुए उनके जिम इंस्ट्रक्टर्स (instructors) भी बॉडी के कुछ पार्ट्स में मसल्स (muscles) को पुलाने के लिए हाईप्रोटीन डाइट, स्टेरॉयड (steroid) और हार्मोन के इंजेक्शन लेने की एडवाइस दे देते हैं. लेकिन, इन सबके मिले जुले साइड इफेक्ट्स के कारण कई नौजवान किडनी फेल्योर (kidney failure) के शिकार होते जा रहे हैं.
एक रीसर्च के दौरान मरीजों से मिली जानकारी में ये पाया गया है कि किडनी फेल्योर का कारण सिक्स पैक्स बनाने के लिए जिम में कराई जाने वाली खास तरह की एक्सरसाइज, स्टेरॉयड और हार्मोन के इंजेक्शनों का इस्तेमाल करना ही होता है. ऐसे लोगों की गिनती भी बहुत ज्यादा है जो बॉलीवुड एक्टर्स की तरह बॉडी पाने के लिए बेहद वर्कआउट कर लेते हैं और अपनी बॉडी के इंटरनल पार्ट्स का नुकसान कर बैठते हैं.
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आज के यूथ के मन में एक्सरसाइज को लेकर कई तरह के मिसकन्सेपशन (misconception) बन गए हैं. वे अपनी बॉडी को हेल्दी और चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए एक्सरसाइज नहीं करते, बल्कि अपनी बॉडी को बॉलीवुड या हॉलीवुड के हीरो की तरह के सिक्स पैक लुक पाने के लिए एक्सरसाइज करते हैं. जिम का ट्रेनर भी बॉडी के आर्टिस्ट की तरह इन नौजवानों की बॉडी में बदलाव लाने के लिए खास तरह की एक्सरसाइज डिजाइन करता है. खास डाइट प्लान बताता है. कई नौजवान तो जिम इंस्ट्रक्टर्स (gym instructors) की बात मानकर उनके नक्शे कदमों पर चलने लगते हैं और जैसे पहले थे वैसे भी नहीं रहते.
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एक्सरसाइज और योगा वैसे तो हेल्थ के लिए अच्छे होते है. लेकिन, इसे डीफॉर्म (deform) करके नहीं करना चाहिए. डॉक्टर्स का कहना है कि हर इंसान की बॉडी की बनावट अलग होती है. बेहतर है कि किसी दूसरे की बॉडी जैसी अपनी बॉडी बनाने के बजाय बॉडी को हेल्दी रखने के लिए योगा, पैदल चलने और अच्छा खाने जैसे तरीकों अपनाना चाहिए. इसके अलावा उन्हें नॉर्मल कामकाज भी करते रहना चाहिए. जैसे कि जितना हो सके पैदल चलें. क्योंकि आज के समय में लोग सब्जी खरीदने भी कार से जाते हैं, लेकिन बाद में ट्रेडमिल पर पसीने बहाते नजर आते हैं. इसीलिए कहा जाता है कि दूसरे की बॉडी से अपनी बॉडी को कम्पेयर करने की बजाय उतनी ही एक्सरसाइज और काम करें जितना खुद से हो सके.
Source : News Nation Bureau