आप में से अधिकांश लोग लौंग से अवश्य परिचित होंगे। अनेक मौकों पर लौंग का सेवन भी करते होंगे। पतंजलि योग संस्थान के आचार्य बालकृष्ण के अनुसार लोगों को यह तो पता है कि लौंग के सेवन से फायदे होते हैं या लौंग का उपयोग करना लाभदायक होता है लेकिन सच यह है कि बहुत सारे लोगों को लौंग के प्रयोग से होने वाले अनेक लाभों के बारे में जानकारी ही नहीं होती। इस कारण लोग लौंग को केवल कुछ ही चीजों में प्रयोग करते हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों में लौंग के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। मालूम हो कि लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही आप रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग कर लाभ पा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों के लिए लौंग खास लाभदायक मानी जाती है। आइए लौंग के फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आयुर्वेद में लौंग को औषधि माना जाता है। वहीं, आम भारतीय रसोई में इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। वर्षों से लौंग को गुणकारी माना गया है। एक शोध में इसका खुलासा हुआ है कि बेरिज की तुलना में लौंग के तेल में 400 गुना अधिक एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। मेडिकल क्षेत्र में लौंग के तेल का इस्तेमाल anti-diabetic anti-inflammatory और दर्द निवारक के लिए किया जाता है।
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लौंग के लाभ और सेवन के तरीके
- अगर सिर में तेज दर्द हो रहा है, तो लौंग और स्वाद अनुसार नमक को पीसकर पेस्ट बना लें। अब इसका दूध के साथ सेवन करें। इसके सेवन से सिर दर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है।लौंग को तांबे के बरतन में पीस लें। इसमें शहद मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में लाभ मिलता है।इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है, जो आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
- लौंग पाउडर और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से जी मचलाने की समस्या दूर हो जाती है।अगर जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो लौंग और सरसों के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर जोड़ों पर लगाएं। इससे दर्द से छुटकारा मिलता है।लौंग को पीसकर हल्के गर्म पानी में मिलाकर पिएं तो जी मिचलाना बंद हो जाएगा। लौंग को मुंह में रखकर चूसने से खांसी भी ठीक होती है।
- सर्दी खांसी और जुकाम में लौंग के तेल, अदरक और शहद का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है। इसके सेवन से जुकाम में आराम मिलता है। अगर कानों की दर्द से परेशान हैं या कानों में किसी प्रकार की समस्या है, तो लौंग और तिल तेल के दो-तीन बूंद को हल्का गर्म करके कानों में डालने से कानों की समस्या में फायदा पहुंचता है। मान्यता है कि लौंग और चिरायता को समान मात्रा में पानी के साथ पीसकर पिलाने से बुखार में लाभ होता है। रूई के छोटे से गोले में लौंग का तेल लेकर दर्द से प्रभावित दांत और उसके आस-पास के मसूड़ों पर हल्के हाथों से लगाने से दर्द कम हो जाएगा।
- सुंदरता के लिए भी लौंग बेहद गुणकारी है। अगर मुंहासे की समस्या से परेशान हैं, तो लौंग पाउडर को शहद में मिलाकर प्रभावित जगहों पर लगाने से मुहांसों की समस्या से निजात मिलता है। साथ ही लौंग और नारियल तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे और दाग धब्बों से छुटकारा मिलता है।
- पान के पत्ते में एक लौंग रखकर चबाने से सर्दी खांसी जुकाम में आराम मिलता है। माना जाता है कि पानी में लौंग के तेल को मिलाकर घर में छिड़कने से कीटाणु बाहर भाग जाते हैं।
- लौंग के तेल की कुछ बूंदे रुमाल पर डाल लें, इसके बाद वह रुमाल कुछ देर अपने माथे पर रखें, सिर में रक्त संचार सही होगा और सिरदर्द से मुक्ति मिलेगी।
- कहा जाता है कि हैजा होने पर अगर लौंग के तेल की एक-दो बूंद बताशे पर डाल कर खाएं तो आराम मिलेगा।
- लौंग को पीस लें, इसके बाद उसे पानी में मिलाकर छान लें। अब इस घोल में मिश्री मिला दें, इसको पीने से हृदय के जलन की समस्या दूर होती है और पेट को भी शांति मिलती है।लौंग के तेल की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर नहाने से शरीर का तनाव दूर होता है। लौंग वाली चाय भी तनाव को कम करती है।लौंग की चाय श्वसन प्रणाली के विकारों को भी समाप्त करती है।
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लौंग (lavang) के वृक्ष पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसकी फूल कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के नाम से बेचते हैं। गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी में लौंग बहुत लाभदायक होती है। लौंग के फायदे या कुछ विशेष गुण इस प्रकार हैं:
- लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है। आमाशय की रस क्रिया सही रहती है।
- भोजन के प्रति रुचि पैदा होती है और मन प्रसन्न होता है।
- लौंग पेट के कीड़ों को खत्म करती है।
- यह चेतना-शक्ति को सही रखती है।
- यह शरीर की दुर्गन्ध को खत्म करती है।
- दर्द, घाव पर लेप करने से रोग सही होते हैं।
- लौंग मूत्र मार्ग को सही रखती है और पेशाब के रास्ते हानिकारक चीजों को बाहर निकालने में मदद करती है।
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अनेक भाषाओं में लौंग के नाम (Name of Cloves in Different Languages)
लौंग का वानस्पतिक नाम Syzygium aromaticum (Linn.) Merr & L. M. Perry (सिजीयम एरोमैटिकम) Syn-Eugenia caryophyllata Thunb., Caryophyllus aromaticus Linn. है और यह Myrtaceae (मिर्टेसी) कुल की है। लौंग को देश या विदेश में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Hindi – लोंग, लौंग, लवंग
English – क्लोवस (Cloves), जंजिबर रैड हेड (Zanzibar red head), क्लोव ट्री (Clove tree), Clove (क्लोव)
Sanskrit – लवङ्ग, देवकुसुम, श्रीप्रसून, श्रीसंज्ञ, श्रीप्रसूनक, वारिज
Urdu – लौंग (Laung), लवंग (Lavang)
Kannada – लवंग (Lavanga), रूंग (Rung)
Gujarati – लवींग (Laving)
Telugu – करवप्पु (Karvappu), लवंगमु (Lavangamu)
Tamil : किरांबु (Kirambu), किराम्पु (Kirampu)
Bengali – लवंग (Lavang)
Nepali – लवांग (Lwang)
Marathi – लवंग (Lavang)
Malayalam – लौंग (Laung), ग्रामपु (Grampu), करयाम्पु (Karayampu)
Arabic – करनफल (Qaranphal), करनफूल (Qaranphul)
Persian – मेखत (Mekhat), मेखक (Mekhak)
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
HIGHLIGHTS
- लौंग के सेवन से आमाशय की रस क्रिया सही रहती है।
- भारतीय रसोई में इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है।
- आयुर्वेद में लौंग को औषधि माना जाता है।
Source : News Nation Bureau