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देश में कोरोना का रिकवरी रेट बढ़ा, बंगाल-पंजाब की हालात खराब- स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 11 राज्यों में एक लाख से अधिक एक्टिव मामले हैं. मंत्रालय ने कहा कि बीते 1 सप्ताह में तमिलनाडु में नए मामलों में तेज बढोत्तरी नजर आई है. जबकि 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मामलों में कमी आई है.

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Karm Raj Mishra
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health ministry press conference

health ministry press conference ( Photo Credit : News Nation)

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देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में अब थोड़ी कमी देखने को मिल रही है. भारत में कोरोना (COVID-19) संक्रमण की रिकवरी रेट (COVID Recovery Rate) में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि असम, हिमाचल प्रदेश समेत कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के प्रवक्ता लव अग्रवाल (Luv Agarwal) ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों में रिकवर केस, नए केस से ज्यादा आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश भर का पॉजिटिविटी रेट 20% से कम हो गया है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 11 राज्यों में एक लाख से अधिक एक्टिव मामले हैं. मंत्रालय ने कहा कि बीते 1 सप्ताह में तमिलनाडु में नए मामलों में तेज बढोत्तरी नजर आई है. जबकि 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मामलों में कमी आई है. हरियाणा में अब एक लाख से कम केस हैं. कई राज्यों में केस में कमी देखने को मिल रही है जिसमें दिल्ली शामिल है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, बिहार तेलंगाना ,जम्मू कश्मीर और गुजरात में नए मामलों में कमी आई है. जबकि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, पंजाब, असम, हिमाचल में नए केस में वृद्धि देखने को मिल रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत 516 जिलों में है. चेन्नई, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली, कोयंबटूर आदि में अभी भी नए मामले बढ़ रहे हैं. 

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक देश में 18 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. वैक्सीनेशन के लिए एक संजीवनी के तहत 350 ओपीडी सेंटर चल रहे हैं. वहीं एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पोस्ट कोविड-19 पर ध्यान देने की जरूरत है इसकी वजह से भी बहुत सी घटनाएं हो रही है और लोगों की मौत भी हो रही है.

डॉ गुलेरिया ने ब्लैक फंगस के बारे में कहा कि ब्लैक फंगस जो पहले सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ने के बाद या कैंसर के मरीजों को देखने को मिलता था, अब कोरोना के मरीजों में भी बड़ी संख्या में देखने को मिल रहा है. एम्स में अभी ऐसे ही 23 मरीजों का इलाज चल रहा है. इसमें नाक से मुंह में नाक के जरिए मस्तिष्क तक इंफेक्शन हो सकता है बल्कि फेफड़ों में भी चल सकता है. इसमें बुखार होता है और खांसी में खून भी आ सकता है. इस बार इस फंगस इंफेक्शन के पीछे शुगर और स्टोराइड का अत्याधिक प्रयोग भी बड़ी वजह है.

डॉ गुलेरिया ने कहा कि जहां धूल है वहां करोना खत्म होने के बाद भी मास्क जरूर लगाकर जाएं और शुगर लेवल चेक करते रहें. ज्यादा स्टोराइड वजह से ब्रेन में इंफेक्शन और आखं की रोशनी भी जा सकती है.

HIGHLIGHTS

  • देश में कोरोना से तेजी से सुधर रहे हालात
  • 1 राज्यों में एक लाख से अधिक एक्टिव मामले है
  • 18 करोड़ लोगों को मिल चुकी वैक्सीन 
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