उत्तर भारत से ठंड अलविदा कहने को तैयार है. अगले महीने मार्च से सूरज अपना रूप दिखाने लगेगा. तापमान में अचानक से 15 से 20 डिग्री तक उछाल आ जाएगा. अप्रैल-मई में सूरज की तपिश अपने पीक पर रहेगी. इसका असर आम लोगों की सेहत पर भी दिखेगा. गर्मी में अक्सर लोग पेट की समस्या, अपच, अरुचि, उल्टी की परेशानी, लू के थप्पेड़े की चपेट में आते हैं. साथ ही लोग वायरल फीवर से भी ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे में गर्मी शुरू होते ही हमें सतर्क हो जाना चाहिए. सतर्कता और सावधानी से हम छोटी-मोटी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि गर्मी में कौन-कौन से बीमारियां पैर पसारने लगती है.
पेट की समस्याएं और उसके बचाव
आज की जीवनशैली में ज्यादातर लोग पेट की समस्या से परेशान हैं, युवा से लेकर बुजुर्गों तक में यह समस्या घर करती जा रही है. गर्मी के मौसम में पेट में गैस, जलन, बदहजमी, पेचिश, खाना नहीं पचना समेत कई बीमारियां बढ़ जाती है. ऐसे में हमें अपने खानापान और दिनचर्या में सुधार करना चाहिए. गर्मी के मौसम में हमें हल्का और पेय पदार्थ भोजन का सेवन करना चाहिए. जैसे खिचड़ी, दलिया, दाल का पानी, चावल का पानी पीना चाहिए. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए. वहीं, पेय पदार्थ जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, सोडा समेत लिक्विड युक्त चीजों का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए.
तुलसी का सेवन है कारगर
गर्मी के मौसम में तुलसी पत्ते का सेवन भी हमारे लिए लाभदायक है. अगर किसी के पेट में गैस बनती है तो उसे तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करनी चाहिए. तुलसी के पत्ते गैस कम करने, पेट की गर्मी से राहत देने, पाचन शक्ति को मजबूत करने भूख लगने में फायदेमंद है.
नींबू या नींबू पानी, और बेकिंग सोडा
नींबू या नींबू पानी लेने से भी गर्मी से राहत मिलती है. नींबू पानी हमारे शरीर में पानी की मात्रा को बैलेंस कर रखता है. अगर पेट में गर्मी ज्यादा हो और पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए बेकिंग सोडा डालकर उसे पी लेना चाहिए.
गर्मी में पपीता का सेवन है रामवाण
वैसे तो फल हर मौसम में खाना चाहिए, लेकिन जब गर्मी का सिजन शुरू हो तो अपने खानपान में फल का इस्तेमाल बढ़ा लेना चाहिए. गर्मी के मौसम में पपीता, खीरे, तरबूज जैसे पानी की उच्च सामग्री वाले फल खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए. केले और एवोकैडो भी पेट की समस्या को दूर करने में लाभदायक होता है.
गर्मी में नारियल पानी है वरदान
नारियल पानी का सेवन हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जब भी आप पेट वाली समस्याओं से परेशान होते हैं या वायरल फीवर की चपेट में आते हैं तो डॉक्टर नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं. नारियल पानी में मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, ये पोषक तत्व ऐंठन, मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द को कम करते हैं. यह शरीर को भी हाइड्रेट करता है और आपके भीतर तेजी से एनर्जी लाता है.
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दही, लस्सी और छाछ का उपयोग
गर्मी आते ही लोगों का ध्यान दही और छाछ पर भी चला जाता है. खासकर पेट की गर्मी से जूझने वाले लोगों को इसकी जरूरतें ज्यादा होती हैं. दही, छाछ और लस्सी हमारे नाद (नाभि) को ठंडा रखने में मददगार हैं. गर्मी के मौसम में दही, लस्सी और छाछ की डिमांड बढ़ जाती है.