कोरोना और ओमिक्रॉन (omircron variant) के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए लोगों से कोविड प्रोटोकोल्स का पालन करने की रोजाना अपील की जा रही है. कई हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने और हाइजीन का ध्यान रखते हुए इससे बचाव किया जा सकता है. इतनी एतिहात तब बरतने के लिए कहा जा रहा है जब कोरोना से लड़ते हुए दो साल हो चुके है. ऐसे में वैक्सिनेशन के बाद अब, ओमिक्रॉन का खतरा मंडराने लगा है. इसी वजह से वैक्सिनेशन के बाद रूल्स को फॉलो करना और भी जरूरी हो गया है. जिसमें मास्क सबसे पहले आता है. लेकिन, आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि सभी मास्क कोरोना से बचाव नहीं करते. मास्क किस फेब्रिक का बना हुआ है और आपका बचाव कर सकता है. ये आपके लिए जानना बहुत जरूरी है.
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WHO ने साल 2020 में जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा था कि कोरोना से बचाने में मास्क मेन रोल निभाता है. मास्क पहनने से कोरोना के खतरो को कम किया जा सकता है. हालांकि, ये बहुत जरूरी है कि सही मास्क का इस्तेमाल किया जाए. कोरोना वायरस से बचने के लिए एन-95 मास्क (corona, n95 mask) का इस्मेताल करना सबसे बेहतर माना जाता है. इसमें दूसरे तरीकों के मास्क की कंपैरिजन में वायरस को फिल्टर करने की कैपेसिटी ज्यादा होती है.
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कोविड-19 से बचने के लिए एक रिपोर्ट में बताया गया था कि यदि कोई इंसान बिना मास्क के संक्रमित व्यक्ति के 6 फीट के भीतर है तो वह आसानी से संक्रमण का शिकार हो सकता है. ऐसे में सभी लोगों का मास्क पहनना बहुत जरूरी है. यदि दोनों ने N95 मास्क पहने हैं तो इसे सबसे ज्यादा सेफ माना जा सकता है. यदि संक्रमित व्यक्ति ने कपड़े का मास्क और दूसरे ने N95 मास्क (mask for corona virus) पहना है, तो वायरस कम से कम 2.5 घंटे तक गैर-संक्रमित व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता है. N95 मास्क कोरोना के तमाम वैरिएंट्स को रोकने में असरदार माने जा सकते हैं.