आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों के पास न तो दूसरों के लिए समय रहता है न ही अपने लिए. ऐसे में उनके खानपान से लेकर रहने सहने तक का रूटीन खराब रहता और उनकी यही आदत आगे चलकर सेहत पर भारी पड़ता है. खान-पीना ठीक नहीं होने की वजह से लोगों में कॉलेस्ट्रोल अधिक देखने को मिल रहा है. ये एक ऐसी बीमारी है जिसका संबध सीधे आपके दिल से है. यहीं वजह है कि कॉलेस्ट्रॉल का स्तर कम रखना चाहिए नहीं तो दिल संबंधी बीमारियां गिरफ्त में ले सकती हैं. लेकिन अब कॉलेस्ट्रोल का प्रभाव मस्तिष्क पर भी देखा जा रहा है. एक नए शोध के मुताबिक, अगर कॉलेस्ट्रोल का स्तर यदि ज्यादा नीचे तक चला जाता है तो इसके कारण हैमरेजिक स्ट्रोक यानि कि मस्तिष्क में रक्तस्त्रावी अघात का खतरा बढ़ जाता है.
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शोध के अनुसार, कॉलेस्ट्रोल अत्याधिक कम स्तर से हैमरेजिक स्ट्रोक का खतरा169 फीसदी ज्यादा होता है. अमेरिका में ज्यादातर मौतों का मुख्य कारण दिल से संबंधित बीमारियां हैं. लेकिन सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत में भी दिल के मरीजों की संख्या कम नहीं है. यहां भी हर साल कई लोगों की मौत दिल की बीमारियों की वजह से होती है.
इस शोध में 96,043 ऐसे लोगों को शामिल किया था, जिन्हे न तो कभी हार्ट अटैक आया था और न ही स्ट्रोक या फिर कैंसर. शोध के शुरू होने से पहले इसमें शामिल लोगों के एलडीएल कॉलेस्ट्रोल के स्तर को माप लिया गया था. इसके बाद 9 साल तक सालाना तौर पर सभी लोगों के कॉलेस्ट्रोल को मापा गया. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस शोध के परिणामों से कॉलेस्ट्रोल, दिल संबंधी बीमारियां और ब्रेन हैमरेज के मामलों से निपटने में काफी मदद मिल सकती है.
शोध में सामने आया कि 70 मिलीग्राम प्रति डीएल के नीचे एलडीएल या बैड कॉलेस्ट्रोल वाले लोगों में उन लोगों के मुकाबले हैमरेजिक स्ट्रोक का खतरा अधिक पाया गया, जिनका बैड कॉलेस्ट्रोल लेवल 100 मिलीग्राम प्रति डीएल से कम लेकिन 70 मिलीग्राम प्रति डीएल से अधिक था.
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दिमाग में नहीं पहुंचता खून हैमरेजिक स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता. इस वजह से मस्तिष्क की कोशिकाओं में ऑक्सीजन भी नहीं पहुंच पाती और दिमाग हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त भी हो सकता है. यह आघात तब होता है जब मस्तिष्क में कोई रक्त कोशिका फट जाती है.
जिन लोगों के एलडीएल कॉलेस्ट्रोल का स्तर 70 से 99 मिलीग्राम प्रति डीएल था, उनमें हैमरेज होने का खतरा अधिक था. लेकिन जब यही स्तर 70 मिलीग्राम प्रति डीएल से नीचे चला गया तो यह खतरा और भी बढ़ गया. 70 मिलीग्राम प्रति डीएल के नीचे बैड कॉलेस्ट्रोल वाले लोगों में हैमरेजिक स्ट्रोक का खतरा अधिक. वहीं 50 मिलीग्राम प्रति डीएल के स्तर से कम कॉलेस्ट्रोल से खतरा 169 फीसदी ज्यादा