भारत हार्ट अटैक के मामले में दुनिया का कैपिटल बनता जा रहा है. पहले आम तौर पर हार्ट अटैक की परेशानी 50 साल के ऊपर वाले लोगों को होती थी, लेकिन अब 18 से 40 की उम्र के लोग इसका शिकार हो रहे हैं. इससे बॉलीवुड भी अछूता नहीं है. ताजा मामला बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन का है, जिन्होंने गुरुवार के दिन अपने सोशल मीडिया पर ये जानकारी दी कि उन्हें हार्ट अटैक आया था, लेकिन सवाल ये है कि आखिर भारत में हार्ट अटैक के मामले इतने क्यों बढ़ रहे हैं?
मिस यूनिवर्स रह चुकी सुष्मिता सेन बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं तो अपने फिटनेस पर काफी ध्यान देती हैं. सुष्मिता के इंस्टाग्राम पर उनके योगा और एक्सरसाइज करने के कई वीडियो और तस्वीर मौजूद हैं, लेकिन हाल ही में सुष्मिता सेन ने अपने सोशल मीडिया से जो जानकारी दी उसके बाद उनके फैंस के बीच उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता है. हालांकि, बॉलीवुड के सितारों में हार्ट अटैक का ये कोई पहला मामला नहीं है. हाल फिलहाल में बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के कई बड़े सितारों को हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है.
जाने माने सेलिब्रिटी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हरीश मेहता की मानें तो अच्छे खान-पान या एक्सरसाइज ही जरूरी नहीं है. स्ट्रेस और नशे की आदत भी हार्ट अटैक की बड़ी वजह है. सेलेब्रिटीज में कामकाज को लेकर स्ट्रेस काफी ज्यादा होता है. वहीं कई सेलेब्रिटीज नशे के भी आदि होते हैं जोकि हार्ट अटैक की बड़ी वजह है.
डॉ. हरेश मेहता का कहना है कि भारत दुनिया भर में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का कैपिटल बन चुका है. पहले जहां हार्ट अटैक जैसी बीमारी 50 से ऊपर के उम्र वालों को होता था तो वहीं अब 18 साल के युवाओं को भी हार्ट अटैक आ रहे हैं. रिसर्च की माने तो 18 से 40 साल की उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले 20 से 25 प्रतिशत बढ़े हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह मौजूदा लाइफ स्टाइल है.
जिन सेलेब्रिटीज की हम बात कर रहे हैं वो सभी फिटनेस प्रेमी थे और घंटों एक्सरसाइज एवं योगा करते थे. इनमें से कई सेलेब्रिटीज को तो हार्ट अटैक उस वक्त आया जब वो जिम में एक्सरसाइज कर रहे थे. आखिर इनसे कहा गलती हुई. ये जानने के लिए हमने मुंबई के मशहूर सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर मिक्की मेहता से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि आखिर क्यों फिटनैस पर इतना ध्यान देने के बावजूद इन सितारों का दिल इतना कमजोर था.
उन्होंने कहा कि हाल ही में बीएमसी द्वारा एक सर्वे की गई थी, जिसमें ये सामने आया कि 10 में से 9 मुम्बईकर ना तो फिट हैं और ना ही अनफिट. ये सर्वे WHO द्वारा निर्धारित वैज्ञानिक तरीके से की गई थी, जिसमें ये भी पता चला कि मुंबई में रहने वाला हर तीसरा आदमी हाइपरटेंशन का शिकार है. वहीं, हर पांचवें आदमी को डायबिटीज की शिकायत है और करीब 15 प्रतिशत लोग प्रीडायबिटीक है.
Source : News Nation Bureau