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हीमोग्लोबिन की कमी प्रेगनेंसी में हो सकती है खरतनाक, जानें इसके लक्षण और इलाज

एनीमिया (Anaemia) का मतलब है बॉडी में रेड ब्लड सेल यानी कि लाल रक्त कोशिकाओं का कम होना.

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Amita Kumari
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Anaemia In Pregnancy

Anaemia In Pregnancy( Photo Credit : सोशल मीडिया)

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) कम होना यानी की एनीमिया (Anaemia) महिलाओं में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है. वहीं, जब एनीमिया (Anaemia) गर्भवती महिलाओं को हो जाए तो यह गर्भ में पल बच्चे और मां दोनो के लिए खतरनाक हो जाता है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में यह समस्या और बढ़ जाती. प्रेगनेंसी में ज्यादातर महिलाओं को खून की कमी हो जाती है. जबकि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को दोगुने पोषण की जरूरत होती है. तो आइये हम आपको बताते हैं कि गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या लक्षण हैं, क्या रिस्क हैं और इसको ठीक करने के उपाय क्या हैं.

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एनीमिया (Anaemia) का मतलब है बॉडी में रेड ब्लड सेल यानी कि लाल रक्त कोशिकाओं का कम होना. जिसे हम आम भाषा में खून की कमी कहते हैं. एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में  51% महिलाओं को गर्भधारण के दौरान खून की कमी होती है. यानी की वो एनीमिया का शिकार होती हैं. शरीर में आयरन की मात्रा कम हो जाती है. हीमोग्लोबिन की कमी के कारण थकान महसूस होती है.

प्रेगनेंसी में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण

आयरन की कमी के कारण प्रेगनेंसी में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है. डॉक्टर के मुताबिक विटामिन बी12 और फॉलिक एसिड की कमी भी ऐसे कारण हैं जिससे प्रेगनेंसी में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) कम हो जाता है. बता दें कि सामान्यतया शरीर को  रोज 10 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है लेकिन जब कोई महिला प्रेगनेंट होती तो उसको रोज 27 मिलीग्राम की जरूरत होती है. गर्भ में पल रहे शिशु लगातर विकास कर रहा होता है जिसके कारण महिला के शरीर में आयरन की जरूरत दोगुनी से भी ज्यादा हो जाती है. 

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प्रेगनेंसी में हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण:

सांस लेने में परेशानी होना

होंठों, नाखून और त्वचा में पालीपल आ जाना

घबराहट और चक्कर आना 

जल्दी थक जाना 

कमजोरी मसूस होना 

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वहीं, गर्भावस्था में एनीमिया के लक्षण महसूस होने पर सबसे पहले ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. क्योंकि अगर मां को हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की कमी कहेगी तो गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सही ढंग से नहीं होगा. इसका असर सीधा बच्चे की हेल्थ पर पड़ता है. ऐसे में बच्चे कमजोर और कम वजन वाले जन्म लेते है. वहीं, प्रेगनेंसी में हीमोग्लोबिन से कई रिस्क भी हो जाते हैं. इनमें से सबसे पहले रिस्क की बात करें तो बच्चे की डिलीवरी की समय से पहले होने के चांस रहते हैं. दूसरा डिलीवरी के बाद ज्यादा रक्तस्राव होना, यहां तक ऐसा होने से महिला की स्थिति बिगड़ सकती है. 

हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करें

गर्भावस्था में एनीमिया हो जाने पर सबसे पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. ताकि आपका डॉक्टर आपकी स्थिति के हिसाब से आपको फॉलिक एसिड के साथ आयरन सप्लीमेंट देगा. उसके बाद आपको अपने खाने में पत्तेदार सब्जियां जैसे  पालक, मेथी और आयरन से भरपूर सब्जियों का सेवन करना चाहिए. दूसरा अंडे़, चिकन और रेड मीट को भी खाना चाहिए. अगर आप वेजीटेरियन हैं तो बींस, काबुली चना, सोया बींस, काले चने, कच्चे केले की सब्जी का सेवन भरपूर में मात्रा में करना. इन सभी का सेवन करने से आपकी हीमोग्लोबिन की कमी जल्द दूर होगी और आपका बेबी हेल्दी भी होगा. 

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