हाई कोलेस्ट्रॉल से हो सकती है पैरों की यह खतरनाक बीमारी, जानें कारण और बचाव

पेरीफेरल आर्टेरियल डिजीज (PAD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पट्टिका जमाव (plaque accumulation) पैरों में धमनियों को संकीर्ण कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह सीमित हो जाता है.

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Amita Kumari
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High Cholesterol effects

High Cholesterol effects on feet( Photo Credit : सोशल मीडिया)

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उच्च कोलेस्ट्रॉल लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल एक मोमी पदार्थ है जो हमारे रक्तप्रवाह से बहता है और हमारे शरीर द्वारा की जाने वाली कई गतिविधियों के लिए आवश्यक है. उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर हमारे पैरों और पैरों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. कोलेस्ट्रॉल का संचय उन धमनियों को संकीर्ण कर सकता है जो ऑक्सीजन युक्त रक्त को निचले अंगों तक ले जाती हैं. इस स्थिति को परिधीय धमनी रोग या पीएडी कहा जाता है. यशोदा अस्पताल, हैदराबाद के वरिष्ठ सलाहकार डॉ एस श्रीकांत राजू कहते हैं, 'एथेरोस्क्लेरोसिस, या धमनियों में फैट जमा का जमा होना पीएडी का एक प्रमुख कारण है'

पैड क्या है?
पेरीफेरल आर्टेरियल डिजीज (PAD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पट्टिका जमाव (plaque accumulation) पैरों में धमनियों को संकीर्ण कर देता है, जिससे रक्त प्रवाह सीमित हो जाता है. इससे चलने या सीढ़ियां चढ़ने जैसी शारीरिक गतिविधियों के दौरान पैर और पैर में दर्द हो सकता है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल के अनुसार, PAD दिल के दौरे या स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ा सकता है.

पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज (PAD) के कारण: 

धूम्रपान
उच्च रक्तचाप
एथेरोस्क्लेरोसिस
मधुमेह
उच्च कोलेस्ट्रॉल

सीडीसी का कहना है कि परिधीय धमनी रोग 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में अधिक प्रचलित है. अन्य जोखिम कारकों में अधिक वजन होना, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास होना और निष्क्रिय जीवन शैली होना शामिल है.

पैड के लक्षण:
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, यदि आपके पास पीएडी है तो आपको चलने, सीढ़ियां चढ़ने या व्यायाम करने के दौरान अपने कूल्हों, जांघों या बछड़ों में दर्दनाक मांसपेशियों में ऐंठन का अनुभव हो सकता है. PAD का आपकी त्वचा पर कई प्रकार के प्रभाव हो सकते हैं. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएडी से पीड़ित कुछ लोगों को पैर के मलिनकिरण का पता चल सकता है.

पीएडी का उपचार:
पीएडी का उपचार जोखिम कारकों को कम करने और रोग की प्रगति को रोकने के उद्देश्य से है. डॉ. श्रीकांत सलाह देते हैं कि एक्सरसाइज पीएडी के इलाज का एक विकल्प हो सकता है. गंभीर पैर दर्द से पीड़ित लोगों को प्रतिदिन 30 से 60 मिनट तक टहलना चाहिए. अगर लगातार नहीं चल पा रहे हैं तो थोड़ी देर रुकें और फिर चलना फिर से शुरू करें.

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जीवनशैली में बदलाव जैसे धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ आहार खाना और नियमित व्यायाम करना पीएडी के जोखिम को कम कर सकता है. ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं और दवाएं भी डॉक्टर की सलाह पर ली जा सकती हैं. कुछ मामलों में अवरुद्ध धमनियों को खोलने के लिए सर्जरी आवश्यक भी हो सकती है.

पीएडी एक गंभीर स्थिति है जिसका इलाज न किए जाने पर स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ सकता है. पीएडी के कोई भी लक्षण मौजूद होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. प्रारंभिक निदान और उपचार रोग की प्रगति को रोकने और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.

यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना और पैरों की सेहत को लेकर सजग रहना बेहद जरूरी है. हेल्दी फूड, नियमित रूप से व्यायाम करना और अपने तनाव के स्तर को प्रबंधित करना कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह लेकर आप कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए दवा भी ले सकते हैं.  यदि आप फिर भी पैर के दर्द का अनुभव करते हैं, देर न करें  तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और बीमारी का सही इलाज करवाएं. 

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