बार-बार छींक आने से हैं परेशान, तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

छींक (Sneezing) द्वारा नाक व गले के अन्दर से दूषित पदार्थ बाहर निकलता है. यह शरीर को एलर्जी से बचाने की स्वभाविक प्रक्रिया है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी-जल्दी छींक आती है तो यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी को दर्शाता है.

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Karm Raj Mishra
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sneezing problem( Photo Credit : News Nation)

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छींक आना एक नॉर्मल प्रक्रिया है. छींक (Sneezing) दिन में कभी भी आ सकती है. छींक आने को अच्छा संकेत भी है क्योंकि यह शरीर की रक्षात्मक प्रतिक्रिया की तरह काम करता है. सर्दी-जुकाम के दौरान छींक आना एक आम बात है और सामान्‍य सर्दी-जुकाम समय के साथ ठीक भी हो जाता है. लेकिन हालांकि कई बार ज्यादा छींक आना परेशानी का कारण भी बन जाता है. बार-बार छींक आने के पीछे कोई गंभीर समस्‍या भी हो सकती है, जो आपको लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है. आयुर्वेद के अनुसार छींक आना कई बीमारियों के लक्षण भी हो सकते हैं.

छींक (Sneezing) द्वारा नाक व गले के अन्दर से दूषित पदार्थ बाहर निकलता है. यह शरीर को एलर्जी से बचाने की स्वभाविक प्रक्रिया है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी-जल्दी छींक आती है तो यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी को दर्शाता है. इसलिए आप छींक से जुड़ी सभी जानकारी जान लें, ताकि ऐसी परेशानी आने पर घरेलू उपचार कर अपने आप को स्वस्थ्य रख सकें.

छींक कैसे आती है

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नाक में म्यूकस झिल्ली होती है, जिसके उत्तक और कोशिकाएं बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए किसी भी प्रकार के बाहरी उत्तेजक वस्तु या तेज गन्ध के सम्पर्क में आने से छींक आती है. जब कोई बाहरी कण जैसे धूल आपकी नाक में घुस जाता है, तो नाक में गुदगुदी होती है, और मस्तिष्क के एक विशेष भाग में सन्देश जाता है. इसके बाद मस्तिष्क मांसपेशियों को बाहरी कण को बाहर निकालने का संदेश देती हैं. इससे छींक आती है. 

छींक आने के कारण 

1. मौसमी एलर्जी- मौसमी एलर्जी को एलर्जिक राइनाइटिस कहा जाता है. यह घर की धूल, जानवरों के बालों और फंगल बैक्‍टीरिया के प्रति अति संवेदनशील होते हैं. यहां तक कि किसी के तकिए या बिस्तर से भी एलर्जी हो सकती है. जब आप सोते हैं तो लक्षण बढ़ जाते हैं क्योंकि आपकी नाक का मार्ग लंबे समय तक सोने के दौरान इन कारकों को ट्रिगर करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है.

2. AC की वजह से- एयर कंडीशन (Air Condition) की वजह से ड्राई नोज की समस्‍या हो सकती है. लंबे समय तक एयर कंडीशनर वाले रूम में बैठने के कारण शरीर में शुष्‍कता बढ़ती है. यह छींक आने का एक बड़ा कारण हो सकता है.

3. साइनस के कारण- साइनस (sinus) की वजह से नाक के अंदर एक लाइनिंग होती है, उसको नैजल लाइनिंग बोलते हैं उसमें समस्या होती है, जिसकी वजह से नाक से म्‍यूकस निकलता है और हल्का दर्द होता है. यह भी छींक का कारण बन सकता है.

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इलाज

1. साइट्रस फ्रूट्स खाएं- अगर आपको बहुत ज्यादा छींक आती है तो साइट्रस फ्रूट्स उसमें राहत पहुंचा सकते हैं. संतरा, नींबू, अंगूर और बहुत से फल साइट्रस फ्रूट्स के अंतर्गत आते हैं. इनमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाते हैं. सर्दी-जुकाम फैलाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में ये फल काफी मददगार होते हैं.

2. आंवले का प्रयोग करें- ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और ऐंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर आंवला इम्यूनिटी के लिए बेहतर होता है. दो या तीन आंवला प्रतिदिन खाने से छींकने की समस्या से निजात पाई जा सकती है.

3. बड़ी इलायची से आराम- छींक से छुटकारा पाने के लिए दिन में दो या तीन बार बड़ी इलायची चबाएं. इससे भी आपको आराम मिल सकता है.

HIGHLIGHTS

  • छींक आना एक सामान्य प्रकिया है, पर ज्यादा छींक आना अच्छा नहीं
  • छींक द्वारा नाक व गले के अन्दर से दूषित पदार्थ बाहर निकलता है
  • बहुत ज्यादा छींक आती है तो साइट्रस फ्रूट्स खाने चाहिए
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