Difference Between HIV and AIDS: AIDS और HIV ऐसी बीमारियां हैं जिनका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं. लेकिन ये बीमारी क्या है पहले ये समझते हैं. एचआईवी (HIV) एक वायरस है जो मानव शरीर के रोगप्रतिरोधक प्रणाली को हमला करता है. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त, शुक्राणु, या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से फैलता है. HIV इंफेक्शन करने वाले व्यक्ति के शरीर में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वे अन्य रोगों और संक्रमणों के लिए अधिक प्रतिरोधशील बनते हैं. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) के विकास का खतरा होता है. एचआईवी इंफेक्शन का कोई इलाज नहीं है, लेकिन यदि समय पर डायग्नोसिस किया जाए और सही उपचार शुरू किया जाए, तो इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है और संक्रमण का प्रसार रोका जा सकता है. 2022 के अंत में अनुमानित 3 करोड़ 90 लाख लोग एचआईवी से पीड़ित है, इनमे डेढ़ करोड़ बच्चे है जिनकी आयु 0-14 वर्ष है,
एड्स (AIDS) एक गंभीर और असामान्य रोग है जो हार्ट और किडनी जैसे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है. यह विकास होता है जब मानव इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) इंफेक्शन हो जाता है और शरीर के रोगप्रतिरोधक प्रणाली को कमजोर कर देता है. एड्स के लक्षण संक्रमित व्यक्ति की संपूर्ण स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, और इसका उपचार या इलाज अभी तक मौजूद नहीं है. एड्स का प्रसार असुरक्षित सेक्स, संचिका युक्त शरीर के रक्त संपर्क, और विषाणु युक्त संचिका के माध्यम से हो सकता है. इसलिए, एड्स के खिलाफ बचाव के लिए सचेत और जागरूक रहना महत्वपूर्ण है. नाको (National AIDS Control Organization) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में एड्स के 62 हजार से भी ज्यादा नए मामले सामने आए थे, औक करीब 42 हजार लोगों की मौत हो गई.
1. HIV (Human Immunodeficiency Virus):
वायरस का कारण: HIV वायरस मानव शरीर के रोगप्रतिरोधक प्रणाली को हमला करता है.
लक्षण: HIV संक्रमित व्यक्ति में लक्षण नहीं होते हैं, या फिर अत्यंत नामी होते हैं.
बचाव: असुरक्षित सेक्स, संचिका युक्त शरीर के रक्त संपर्क, विषाणु युक्त संचिका का इस्तेमाल आदि इससे हो सकता है.
परीक्षण: HIV टेस्ट कराने से HIV संक्रमण की पुष्टि की जा सकती है.
2. AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome):
रोग का कारण: AIDS एक गंभीर और सम्पूर्ण रूप से विकसित विकार है, जो जब HIV इन्फेक्शन का अत्यधिक प्रकोप होता है तो होता है.
लक्षण: इस रोग के लक्षण विभिन्न रोगों और इन्फेक्शन के संकेत के रूप में प्रकट होते हैं, जो रोगी को कमजोर कर देते हैं.
बचाव: कोई नहीं, लेकिन सही और समय पर उपचार लेने से रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है.
परीक्षण: एचआईवी संक्रमण के बाद एड्स का परीक्षण किया जा सकता है, जो शरीर के रोग प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी का पता लगाता है.
इस प्रकार, HIV और AIDS दो अलग रोग हैं, जो अलग-अलग चरणों में शरीर में प्रकोपित होते हैं. HIV संक्रमण का पता लगाने के बाद सही और समय पर उपचार से रोकथाम की जा सकती है, जो आगे बढ़ने से AIDS का विकास रोक सकता है.
Source : News Nation Bureau