दुनियाभर में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस कैसे और कहां से आया था, इस पर जल्द ही स्थिति साफ हो सकती है. इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का स्वतंत्र पैनल पहला अपडेट देगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम ने अफ्रीकी देश लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ और न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क की सह-अध्यक्षता में स्वतंत्र पैनल बनाया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पैनल कोविड-19 को लेकर 5-6 अक्टूबर को होने वाली वर्ल्ड एग्जीक्यूटिव बॉडी की मीटिंग में पहला अपडेट देगा.
कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण को लेकर उठाए गए कदमों के समन्वय की समीक्षा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जुलाई में एक स्वतंत्र पैनल बनाया था. कोविड-19 को लेकर 5-6 अक्टूबर को वर्ल्ड एग्जीक्यूटिव बॉडी की मीटिंग होगी, जिसमें स्वतंत्र पैनल की अपनी रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ द्वारा बीमारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण होगी. समिति नवंबर में फिर से शुरू होने वाली विश्व स्वास्थ्य असेंबली के लिए एक अंतरिम प्रगति रिपोर्ट और मई 2021 में असेंबली को फाइनल रिपोर्ट पेश कर सकती है.
चीन पर कोरोना वायरस देने के आरोपों और डब्ल्यूएचओ प्रमुख की आलोचना के बाद विश्व स्वास्थ्य सभा में इस पैनल को बनाया गया था. चीन को उन वजह से भी आचोलना का सामना करना पड़ा था, जिसमें चीन ने संक्रमण के शुरुआती हफ्तों में घरेलू यात्रा को रोक दिया था, मगर विदेशी उड़ानों को स्वतंत्र रूप से जारी रखा था. दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका लगातार डब्ल्यूएचओ आलोचना करता आ रहा है. अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ और चीन के बीच भूमिका की जांच की मांग भी की थी.
डोनाल्ड ट्रंप भी कई दफा कोरोना वायरस के लिए खुले तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र में भी ट्रंप ने कोरोना को लेकर चीन की आलोचना की और इस वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार बताया. कोरोना वायरस के शुरुआती दौर में ही अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ और चीन पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे और डब्ल्यूएचओ के रिस्पॉन्स को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग की थी.