World Yoga Day 2024 : योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. यह विभिन्न आसनों, प्राणायाम (श्वास नियंत्रण) और ध्यान के माध्यम से संतुलन और सामंजस्य प्राप्त करने का एक तरीका है. योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि मानसिक शांति और आत्म-जागरूकता को भी बढ़ावा देता है. मुख्य रूप से योग के योग के चार प्रकार हैं कर्मयोग, भक्ति, योग, ज्ञान योग और राजयोग. अब इन चार भागों के विषय में जानते हैं कि इनका क्या महत्व है और इससे हमें क्या लाभ मिलता है.
कर्म योग
कर्मयोग का सीधा संबंध व्यक्ति के कर्मों से है. हमारे शास्त्र कहते हैं कि हम इस संसार में जीस प्रकार की परिस्थितियों का सामना करते हैं. जो भी सुख या दुख भोग रहे हैं, जैसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं, जो हमें प्राप्त हुआ है और जो हमें प्राप्त नहीं होता, जिसकी हम गहन इच्छा रखते हैं, यह सब हमारे पिछले कर्मों के आधार पर ही मिलता है. इसलिए भविष्य को अच्छा बनाने के लिए हमें वर्तमान में अच्छे कर्म करने होंगे. कर्मयोग का पालन करने वाले व्यक्ति सुगम करते हुए निस्वार्थ होकर जीवन जीते हैं और दूसरों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं.
भक्ति योग
भक्ति योग में परम पिता परमेश्वर पर ध्यान केंद्रित करना बताया गया है. इस योग में अपनी समस्त ऊर्जा, विचारों और चित्त को भक्ति में केंद्रित करना होता है. इसके साथ भक्ति योग हमें सहिष्णुता और स्वीकार्यता प्रदान करता है.
ज्ञान योग
योग की सबसे कठिन और सबसे प्रत्यक्ष शाखा ज्ञान योग है. इस योग में बुद्धि पर कार्य कर बुद्धि को विकसित किया जाता है. ज्ञान योग में ग्रंथों का गंभीर और विस्तृत अध्ययन कर जीवन को उचित ढंग से समझ कर बुद्धि को ज्ञान के मार्ग पर अग्रसर किया जाता है. वास्तव में ज्ञानी व्यक्ति वही है जो स्वयं के अस्तित्व का उद्देश्य समझता है. ब्रह्म का सही अर्थ जानता है और उस परमात्मा में ध्यान केंद्रित करके ही जीवन व्यतीत करता है.
राज योग
राजयोग का अर्थ है सम्राट, इसमें व्यक्ति एक सम्राट के समान स्वाधीन होकर आत्मविश्वास के साथ कार्य करता है. राजयोग आत्म अनुशासन और अभ्यास का मार्ग है.
Source : News Nation Bureau