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शनिवार यानी आज से भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत होने जा रही है. राजधानी दिल्ली में सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. टीकाकरण अभियान के रोलआउट से पहले ही पूरे भारत में 3,006 साइट निर्धारित की गई हैं, जहां पर तीन लाख फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा. केंद्र सरकार ने ड्राइव के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना बनाई है. इसमें एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर और 27 करोड़ बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों वाले लोग शामिल हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह 10:30 बजे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे. देश भर में स्थापित 3,006 से अधिक टीकाकरण स्थलों में से हर स्थल पर 100 लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा.
- कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के 264,000 से अधिक टीके शहर में पहुंच चुके हैं. दिल्ली में केंद्र, दिल्ली सरकार और निजी अस्पतालों के 81 टीकाकरण स्थलों पर करीब 2.25 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा.
- राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की खुराक को इकट्ठा रखा गया है, जहां से इन्हें कोल्ड चेन प्वाइंट और टीकाकरण स्थलों पर भेजा जाएगा. सरकार प्रत्येक टीकाकरण स्थल पर 7-8 लोगों का एक स्टाफ प्रदान करेगी.
- स्टाफ में सुरक्षाकर्मी, नर्स, पैरामेडिक्स और एक डॉक्टर शामिल हैं. एक टीकाकरण स्थल पर तीन कमरे निर्धारित किए गए हैं. लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन के लिए एक वेलकम डेस्क भी होगी.
- लाभार्थियों के पंजीकरण से लेकर टीकाकरण के बाद उनकी निगरानी तक पूरी प्रक्रिया में 45 मिनट का समय लगेगा. प्रवेश द्वार पर टीकाकरण अधिकारी लाभार्थियों के सभी दस्तावेजों को सत्यापित करेगा. इस प्रक्रिया के बाद वे प्रतीक्षा क्षेत्र में आएंगे और अपनी बारी का इंतजार करेंगे."
- टीकाकरण के बाद किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में मरीज को आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए स्ट्रेचर से लैस कमरे होंगे. इसके साथ ही वहां ईसीजी मशीन, मॉनीटर और ऑक्सीजन मास्क भी उपलब्ध होंगे. टीकाकरण प्राप्त करने के बाद लाभार्थियों को तीस मिनट के लिए निगरानी में रखा जाएगा.
- दिल्ली सरकार द्वारा संचालित भारत के सबसे बड़े कोविड-19 अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल शनिवार को अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने के लिए तैयार है.
- भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सीन शुरूआती चरण में प्राथमिकता वाले समूहों को दी जाएगी.
- अब तक केंद्र सरकार ने क्रमश: 200 रुपये और 206 रुपये प्रति खुराक की लागत पर 1.1 करोड़ कोविशिल्ड और 55 लाख कोवैक्सीन के टीके खरीदे हैं.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अपनी आबादी का टीकाकरण करने के लिए भारत का अभ्यास दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा. उन्होंने कहा कि दोनों स्वदेशी टीके सुरक्षित हैं.
Source : IANS
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