वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि कैसे कोविड-19 बीमारी का कारक कोरोना वायरस संक्रमित कोशिकाओं में प्रोटीन के संश्लेषण को रोक देता है, और प्रभावी तरीके से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के एक भाग को प्रभावी रूप से अक्षम बना देता है. इस खोज से इस खतरनाक बीमारी के उपचार के विकास में मदद मिल सकती है. ‘साइंस’ जर्नल में छपे इस अध्ययन में दिखाया गया है कि मेजबान कोशिकाओं पर नए कोरोनावायरस सार्स-सीओवी-2 द्वारा बनाए गए ‘ननस्ट्रक्चरल प्रोटीन1’ (एनएसपी1) के विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं.
जर्मनी में म्युनिख विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं समेत वैज्ञानिकों के मुताबिक एनएसपी1 वायरस द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य हथियार है जो मेजबान मानव कोशिकाओं में अपनी संख्या बढ़ाने और अपना प्रसार सुनिश्चित करने के लिये उपयोग किया जाता है.
उन्होंने कहा कि एनएसपी1 को 2002-03 में सार्स महामारी के प्रकोप के बाद बीमारी बढ़ाने वाले कारक के तौर पर पहचाना गया. सार्स के विषाणु का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने दिखाया था कि यह संक्रमित कोशिकाओं में प्रोटीन का संश्लेषण बाधित करता है.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, “सार्स-सीओवी-2 में यद्यपि मेजबान प्रतिरक्षा उपायों के और बाधक भी हैं लेकिन इस प्रोटीन, एनएसपी1, की मेजबान कोशिकाओं से प्रतिक्रिया को लक्षित कर उपचार की एक महत्वपूर्ण रणनीति बन सकती है.”
अध्ययन में कहा गया कि वायरस कोशिकाओं के प्रोटीन उत्पादन तंत्र, राइबोसोम को बांधकर करता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक राइबोसोम के उस विशिष्ट भाग जिसे एनएसपी1 बांधता है को लक्षित करना निदान की एक महत्वपूर्ण संभावित रणनीति हो सकती है.
Source : Bhasha