ऐसे चेक करें कि आपके बच्चे को लगी स्मार्टफोन की लत कितनी खतरनाक स्‍तर तक पहुंच गई है

स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है तो इससे अछूते बच्‍चे भी नहीं हैं.

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Drigraj Madheshia
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ऐसे चेक करें कि आपके बच्चे को लगी स्मार्टफोन की लत कितनी खतरनाक स्‍तर तक पहुंच गई है

प्रतिकात्‍मक चित्र

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स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है तो इससे अछूते बच्‍चे भी नहीं हैं. स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का बच्चों पर बुरा असर डाल रहा है. इसके जरिए उन पर दुष्प्रभाव डालने वाली सामग्री की पहुंच आसान हो चुकी है. आपका बच्‍चे को स्‍मार्ट फोन की कितनी लत लग चुकी है, यह जानना आपके लिए आवश्‍यक है. हम कुछ लक्षण बता रहे हैं जिनका जवाब आपको हां और नहीं में देना है. ‘हां’ के लिए 1 और ‘नहीं’ के लिए 0 अंक दें. इसके बाद आप नीचे दिए गए परिणाम में जान सकेंगे कि आपके बच्‍चे को यह लत किस हद तक लग चुकी है.

सवाल

  • फोन या स्मार्टफोन वापस मांगने पर बच्चा गुस्सा हो जाता है.
  • अपना सारा खाली वक्त वह स्मार्टफोन के साथ बिताता है.
  • वह कुछ-कुछ देर पर लगातार अपना स्मार्टफोन चेक करता है.
  • मोबाइल नेटवर्क कमजोर होने या नहीं होने पर भी वह परेशान हो जाता है.
  • स्मार्टफोन वापस नहीं देने पर वह कोई भी दूसरा काम (पढ़ाई या घर का काम) करने के लिए तैयार नहीं होता.
  • इंटरनेट सिग्नल नहीं रहने पर वह बहुत परेशान या उदास हो जाता है.
  • बच्चे से स्मार्टफोन वापस लेकर या छीनकर ही उससे कोई काम करवाना संभव है.
  • जब कभी आप बच्चे को मोबाइल गेम खेलने या सोशल मीडिया पर जाने से मना करती हैं तो वह गुस्सा हो जाता है.
  • कई बार वह बैग में छिपाकर चुपके से अपना फोन स्कूल भी लेकर जा चुका है.
  • अगर बच्चे को यह पता चल जाता है कि उसके दोस्त उससे स्मार्टफोन पर संपर्क नहीं कर पा रहे हैं तो वह अजीब-सा व्यवहार करने लगता है.
  • जब कोई उसे कॉल या मैसेज नहीं करता या फिर उसके पोस्ट पर कमेंट नहीं करता है तो वह गुस्सा हो जाता है.
  • स्मार्टफोन की बैट्री जब खत्म होने वाली होती है तो बच्चे की बेचैनी बढ़ने लगती है.
  • स्मार्टफोन के बिना अपना खाली वक्त कैसे बिताना है, यह आपके बच्चे को मालूम नहीं है.
  • अगर किसी कारण से स्मार्टफोन बच्चे के पास नहीं है तो अपने दोस्त व भाई-बहन से उसकी बातचीत पूरी तरह से बंद हो जाती है.
  • दोस्तों के साथ आउटडोर गेम खेलने की जगह वह मोबाइल पर तरह-तरह के गेम खेलना ही पसंद करता है.
  • आपके बच्चे की सभी गतिविधियां यहां तक कि होमवर्क भी उसके फोन से जुड़ा हुआ है.
  • रात में सोने से पहले आपका बच्चा अपना फोन जरूर चेक करता है.
  • सुबह उठते ही सबसे पहले वह मोबाइल चेक करता है.
  • स्मार्टफोन के इस्तेमाल से जुड़े परिवार के नियम वह जानते-बूझते अकसर तोड़ता है.
  • बिना फोन के कहीं भेजे जाने पर वह अकसर नर्वस हो जाता है और वहां जाने से मना करता है.

15 से 20 अंक: आपके बच्चे को स्मार्टफोन की लत लग चुकी है. मोबाइल पर गेम खेलने और ऑनलाइन दुनिया में वक्त बिताने के अलावा शायद वह कोई और काम करता ही नहीं है. बच्चे के स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर नियंत्रण लगाएं और जरूरत महसूस हो तो इस काम में एक्सपर्ट की भी मदद लें. एम्स जैसे अस्पतालों में मोबाइल की लत को छुड़वाने के लिए अलग से विभाग शुरू हो गए हैं.

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10 से 15 अंक: आपका बच्चा स्मार्टफोन पर बहुत ही ज्यादा वक्त बिताता है. धीरे-धीरे इसका असर उसकी पढ़ाई पर भी पड़ने लगेगा. बच्चे की अन्य रुचि के बारे में जानने की कोशिश करें और उस ओर बच्चे का ध्यान लगाएं. इंटरनेट के नियंत्रित इस्तेमाल पर जोर दें. 

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5 से 10 अंक: स्मार्टफोन पर आपके बच्चे की निर्भरता बढ़ रही है. अभी ध्यान देने पर आप उसकी इस आदत को बदल सकती हैं. 

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0 से 5 अंक: आपका बच्चा स्मार्टफोन पर निर्भर नहीं है. वह स्मार्टफोन का थोड़ा-बहुत इस्तेमाल करता है और इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है. 

स्मार्टफोन की लत को रोकने के लिए कुछ टिप्स-

1. इलेक्ट्रॉनिक कर्फ्यू- मतलब सोने से 30 मिनट पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग न करना.

2. फेसबुक की छुट्टी-  हर तीन महीने में 7 दिन के लिए फेसबुक प्रयोग न करें.

3. सोशल मीडिया फास्ट-  सप्ताह में एक बार एक पूरे दिन सोशल मीडिया से बचें.

4. अपने मोबाइल फोन का उपयोग केवल तब करें जब घर से बाहर हों.

5. एक दिन में तीन घंटे से अधिक कंप्यूटर का उपयोग न करें.

6. अपने मोबाइल टॉक टाइम को एक दिन में दो घंटे से अधिक तक सीमित रखें.

7. अपने मोबाइल की बैटरी को एक दिन में एक से अधिक बार चार्ज न करें.

Source : News Nation Bureau

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