दुनिया भर में चल रही कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) की बूस्टर डोज की पैरवी के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ICMR) ने साफ कर दिया है कि फिलहाल भारत में इसको लेकर कोई विचार नहीं है. सरकार का सारा जोर समग्र आबादी के पूरे वयस्कों के टीकाकरण पर है. आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना (Corona) की तीसरी लहर की आशंका के बीच बूस्टर डोज का मसला फिलहाल प्रासंगिक नहीं है. कोरोना संक्रमण का प्रचार-प्रसार रोकने के लिए सभी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाना पहली प्राथमिकता है.
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69 फीसद वयस्क आबादी को दी गई कोरोना वैक्सीन की एक खुराक
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, 'समय की मांग देश की पूरी वयस्क आबादी को दो-डोज का टीकाकरण कराना है. भार्गव ने कहा कि बूस्टर डोज की बात फिलहाल सही नहीं है.' टीकाकरण पर बात करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा की कि अब तक 69 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक दे दी गई है. राजेश भूषण ने कहा देश में 18 साल से अधिक उम्र की 69 फीसदी आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दे दी गई है. देश में गुरुवार रात तक कोविड-19 टीकाकरण की संख्या 89 करोड़ तक पहुंच जाएगी.
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ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में टीकाकरण का प्रतिशत बेहतर
उनके मुताबिक शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 टीकाकरण की दर 35 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 64 प्रतिशत है. इसका सीधा अर्थ यह निकलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा है. गौरतलब है कि टीकाकरण प्रतिशत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच जनसंख्या के वितरण के अनुसार है. गौरतलब है कि चंडीगढ़, लक्षद्वीप, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सिक्किम राज्यों ने अपनी 100 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दे दी है.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संक्रमण की बूस्टर डोज पर फिलहाल जोर नहीं
- सरकार का लक्ष्य व्यस्कों के दोहरे टीकाकरण पर
- अब तक 69 फीसद व्यस्कों को लगा है एक टीका