Covid Vaccine Death: कोरोना महामारी के दौरान चलाए गए देशव्यापी वैक्सीनेशन प्रोग्राम में 200 करोड़ से ज्यादा डोज दी गई. लेकिन इसके बाद युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों से चलते वैक्सीन पर लगातार सवाल उठने लगे. इसके बाद लोग इस बात पर चर्चा करने लगे कि कहीं वैक्सीन की वजह से तो युवाओं को हार्ट अटैक नहीं आ रहा. इसे लेकर अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने जवाब दिया है, हाल ही में ICMR द्वारा की गई एक स्टडी में इस बारे में पता लगाया गया.
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इस शोध में आईसीएमआर ने वैक्सीन और अचानक हो रही मौतों के बीच के संबंध को लेकर उठाए जा रहे सवालों को जवाब ढूंढे. अपनी स्टडी का हवाला देते हुए आईसीएमआर ने कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन की वजह से युवाओं में अचानक मौत होने का खतरा नहीं बढ़ा. आईसीएमआर ने अपने जवाब में कहा कि कोविड-19 से पहले अस्पताल में भर्ती होना, परिवार में अचानक मौते होने के पुराने केस और लाइफस्टाइल में बदलाव ने अचानक होने वाली मौत की संभावना को बढ़ाया है.
"COVID-19 vaccination did not increase the risk of unexplained sudden death among young adults in India. Past COVID-19 hospitalization, family history of sudden death and certain lifestyle behaviours increased the likelihood of unexplained sudden death," says ICMR Study pic.twitter.com/pmeh0et1On
— ANI (@ANI) November 21, 2023
वैक्सीन से कम हुआ कोरोना से होने वाली मौत का खतरा
इस शोध में बताया गया कि अगर किसी ने वैक्सीन की कम से कम एक डोज ली है तो उसपर कोरोना से होने वाली मौत का खतरा कम हुआ है. आईसीएमआर ने स्टडी में कहा है कि कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की हिस्ट्री, परिवार में होने वाली अचानक मौत का रिकॉर्ड, मौत से पहले 48 घंटे तक शराब पीन, ड्रग्स लेना या फिर मौत से 48 घंटे पहले अधिक देर तक एक्सरसाइज करना जैसे कुछ ऐसे फैक्ट्स शामिल किए गए हैं, जिनके अचानक मौत का खतरा बढ़ जाता है. बता दें कि आईसीएमआर ने 1 अक्टूबर, 2021 से लेकर 31 मार्च, 2023 तक इस बारे में स्टडी की.
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स्टडी में मिली ये जानकारी
आईसीएमआर ने अपनी स्टडी में पाया कि वैक्सीन की वजह से अचानक होने वाली मौत के साथ कोई संबंध नहीं है. इसमें कहा गया कि अगर किसी ने वैक्सीन की कम से कम एक डोज ली है, तो उस पर कोरोना वायरस से होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है. ICMR ने इस स्टडी में देशभर के 47 अस्पतालों को शामिल किया. जिसमें 18 से 45 साल की उम्र के उन लोगों को शामिल किया गया, जो स्पष्ट रूप से स्वस्थ थे. उनमें से कोई भी किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित नहीं था. स्टडी में पता चला कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज ली थी, उनमें अचनाक से होने वाली मौत का खतरा बेहद कम था.
HIGHLIGHTS
- कोरोना वैक्सीन से नहीं मौत का खतरा- ICMR
- आईसीएमआर की स्टडी में हुआ खुलासा
- अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 तक की गई स्टडी
Source : News Nation Bureau