आज कल की लाइफस्टाइल में ज्यादातर युवाओं में एंग्जायटी अटैक देखा जाता है. हमारा दिमाग एक जटिल यंत्र है जिसमें कई सारी चीजें आपस में गुथी हुई होती हैं. पैनिक अटैक की स्थिति किसी गहरे बैठे डर या एंग्जायटी की वजह से अचानक आती है. पैनिक अटैक की स्थिति आमतौर पर किसी भी बड़ी दुर्घटना या मुश्किल के समय किसी के भी साथ बन सकती है और वह स्थिति ठीक होने के बाद पैनिक अटैक से व्यक्ति ठीक हो जाता है. लेकिन अगर अचानक से कभी पैनिक अटैक आए तो ऐसी स्थिति में लोगों को बचने के उपाए सोचने चाहिए. हालांकि पैनिक अटैक्स आमतौर पर जानलेवा नहीं होते लेकिन इनकी वजह से पनपने वाली स्थितियां गम्भीर हो सकती हैं. इससे व्यक्ति को सीने में दर्द, सर दर्द, चक्कर, और कभी कबार जानलेवा भी हो सकता है.
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ऐसे लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान
यह किसी भी समय उभर सकते हैं. जैसे मॉल में खरीदारी करते समय, ड्राइविंग करते समय, किसी मीटिंग को अटैंड करते समय, रात में सोते समय. ये थोड़े अंतराल से भी सामने आ सकते हैं या फिर लगातार भी. इनमें इमोशनल लक्षणों के साथ ही फिजिकल लक्षण भी शामिल हो सकते हैं. ये लक्षण कुछ मिनटों में ही तीव्र हो सकते हैं.
पैनिक अटैक को कैसे करें नियंत्रित
काउंसिलिंग या परामर्श- ऐसी कंडीशन में आप डॉक्टर्स से सबसे पहले कंसल्ट करें. की राय लें. ऐसा करने से आपको शांति मिलेगी और हालत में सुधार होगा.
सांस वाले व्यायाम- गहरी सांस लेना और छोड़ना यानी डीप ब्रीदिंग एक बहुत ही अच्छा तरीका है दिमाग को संतुलित बनाए रखने का. इसके साथ ही यह शरीर को भी स्वस्थ बनाने में मददगार है. मानसिक स्तर पर चल रही उथल-पुथल में यह काफी राहत पहुंचा सकती है. इसलिए गहरी सांस लेने का अभ्यास निरंतर करें. इससे फेफड़ों को भी मजबूती मिलेगी और दिल भी स्वस्थ रहेगा.
नियमित फिजिकल एक्टिविटी- एंग्जायटी अटैक वालों को रोज़ एक्ससरसाइज करनी चाहिए. अगर आप रोज़ एक्ससरसाइज नहीं कर सकते तो आप योग का सहारा भी ले सकते हैं.
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अरोमाथेरपी- इस थैरेपी का प्रयोग लम्बे समय से दिमाग को शांति देने के लिए किया जा रहा है. मुख्यतः प्राकृतिक तेल या खुशबू इसके लिए उपयोग में लाई जाती हैं. ऐसी ही एक खुशबू जी लैवेंडर की. लैवेंडर ऑइल या स्प्रे की दो बूंद कलाई या हथेली के पिछले हिस्से पर रगड़ लें और इसे धीरे से गहरी सांस लेते हुए सूंघें. ये एंग्जायटी की स्थिति से बाहर निकालने में भी मदद करेगी. आप अपने घर में लैवेंडर कैंडल्स भी रख सकते हैं.
मेडिटेशन- दिमाग को शांत और संतुलित रखने के लिए यह सबसे प्रभावी तरीका है. तेज आवाज और आस-पास का शोर-गुल भरा माहौल पैनिक अटैक के मामले को और खराब कर सकता है. अटैक के तुरंत बाद किसी शांत जगह पर बैठ जाएं.
इन बातों का रखें ध्यान
पेंटिंग, डांस, म्यूजिक जैसी दिमाग को तरोताजा करने वाली किसी रचनात्मक एक्टिविटी को जीवन में शामिल करें. हर स्थिति का सकारात्मक पहलू जानने की कोशिश करें. साथ ही मसल रिलेक्सेशन तकनीक को भी अपनाएं. दोस्त या परिवार के किसी ऐसे सदस्य को चुने जो आपकी स्थिति समझता हो. हमेशा खुश रहने वाले काम करें. स्ट्रेस से दूर रहे. पास्ट या कोई भी पुरानी बात जो आपको दर्द या दुःख देती हो उससे बाहर निकलें.
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Source : News Nation Bureau