आज कल बढ़ते प्रदूषण के दौर में खुद को फिट को रखना एक चुनौती है. कोरोना के बाद भारत में एक राहत भरी खबर आई थी कि देश में टीबी (TB) के मरीज कम हो रहे हैं. डब्ल्यूएचओ की मानें तो इस पीरियड में मरीजों में टीबी की पहचान कम हो पाई है. हालांकि ट्यूबरक्यूलोसिस (Tuberculosis) के मरीज अभी भी बढ़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि कुछ समय पहले तक लंबे समय तक चली खांसी को टीबी का प्रमुख लक्षण माना जाता था लेकिन कोरोना के बाद प्रदूषण (Pollution), कोविड, एलर्जी या वायरल संक्रमण (Viral Infection) आदि के चलते कई-कई हफ्तों तक रही खांसी (Cough) को एक साधारण सी बीमारी मैंने वाले लोगों में टीबी का लक्षण देखा गया है.
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इन लक्षणों से करें बीमारी की पहचान -
. खांसी फेफड़ों वाली टीबी का लक्षण है. अगर आपको 2 हफ़्तों से ज्यादा खासी है तो आपको टीबी हो सकती है.
. खांसी के साथ बलगम का आना या सिर्फ सूखी खांसी आना.
. कफ में खून आना.
. गले या अंडर आर्म में गांठ होना .
. भूख कम लगना.
. वजन घटना (weight loss in tb)
. बुखार चढ़ना
. रात में पसीना आना
इन लोगों को होता है टीबी का खतरा -
.दुबले पतले लोगों को टीबी का खतरा ज्यादा होता है. जिन लोगों की इम्यूनिटी (Immunity) कमजोर होती है, वे भी टीबी जैसी बीमारी की चपेट में जल्दी आते हैं. एचआईवी या एड्स (HIV/AIDS) से पीड़ित लोग भी इस बीमारी की चपेट में तेजी से आते हैं. ड्रग्स (Drugs) लेने वाले या इन्जेक्शन से ड्रग्स लेने वालों को भी खतरा रहता है. धूम्रपान करने वालों को, घर में गन्दी तरह से रहने वालों को भी टीबी होने का खतरा रहता है.
ऐसे करें टीबी से बचाव, अपनाएं ये तरीके-
कोई भी छोटी सी छोटी बीमारी हो उसको नज़रअंदाज़ न करें. खान-पान का विशेष ध्यान रखें, सफाई का ध्यान रखें. मास्क पहनकर बाहर जाएं. अगर घर में किसी को खांसी है तो उससे दूरी बनाएं और उसे मास्क पहनाकर रखें. अगर आपको 2 हफ़्तों से ज्यादा खासी है तो डॉक्टर के पास जाकर जांज कराएं. हालांकि ऐसा देखा गया है कि टीबी के इलाज में लोग दवाई लेना आधे रस्ते छोड़ देते हैं लेकिन टीबी का इलाज पूरा कराना चाहिए.
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Source : News Nation Bureau