देश में आज भी कई लोग कैंसर की बीमारी से मर जाते हैं. लोगों में अभी भी इस बीमारी के प्रति जागरूकता नही है. लोग सही से जागरूक नहीं हो पाए हैं. बीमारी जितनी बड़ी नहीं है इससे बड़ा लोगों के मन में डर है. कैंसर का इलाज अब मुमकिन है. लेकिन आधी जानकारी के कारण लोग कैंसर का नाम सुनते ही कांप जाते हैं. इस डर से लोग कैंसर का इलाज भी नहीं करा पाते हैं. कैंसर का इलाज सही समय पर अगर किया जाए तो लोगों की मौत नहीं होगी. कैंसर में पाई जाने वाली आनुवंशिक असामान्यताएं आमतौर पर जीन के दो सामान्य वर्गों को प्रभावित करती हैं. बता दें कि कैंसर 100 से अधिक प्रकार के होते हैं. अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर ही रखे जाते हैं. जिनमें वे शुरू होते हैं. बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है. कैंसर जो कि त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है. कोशिकाएं जब पुरानी या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो वे मर जाती हैं और उनके स्थान पर नई कोशिकाएं आ जाती हैं.
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वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लोग न तो गुटखा खाते हैं. न ही शराब पीते है. और न ही सिगरेट पीते हैं. फिर भी वो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं. तो क्या आपको इसकी वजह पता है? आइए हम बताते हैं आपको इसकी वजह. आपके घर में जलने वाली अगरबत्ती है इसकी वजह. हाल ही में साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी की एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं से ज्यादा खतरनाक है. दरअसल इसमें कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जा रहे हैं जो आपके नाक के जरिए सीधे आपके शरीर में पहुंचकर आपके DNA पर बुरा असर डालते हैं. ये केमिकल्स शरीर में कैंसर जैसी बीमारी को जन्म देता है. यदि अगरबत्ती में म्यूटेजेनिक नामक केमिकल होता है तो यह ब्लड में जाकर DNA को नुकसान पहुंचा सकता है.
Source : News Nation Bureau