दो सौ वर्ष पहले की बात है भारतीय घरों में चाय नहीं होती थी. अंग्रेजों की देन है कि आज का समय ऐसा हो गया हैं कि कोई भी व्यक्ति घर आए तो अतिथि को पहले चाय पूछता है. कई लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है, यहाँ तक की उपवास के दिनों में भी चाय लेते है. किसी भी डॉक्टर के पास जायेंगे तो वो शराब - सिगरेट - तम्बाखू छोड़ने को कहेगा, परन्तु चाय नहीं क्योंकि इंसान को कभी भी किताबों में इसके सेवन को रोकने के लिए पढ़ाया नहीं गया और वह खुद इसका गुलाम है. लेकिन आपको बता दें कि अगर आप किसी अच्छे वैद्य के पास जाएंगे तो वह पहले आपको सलाह देगा कि चाय ना पियें. चाय की हरी पत्ती पानी में उबाल कर पीने में कोई बुराई नहीं परन्तु जहां यह फर्मेंट हो कर काली हुई सारी बुराइयां उस में आ जाती है.
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आइये जानते है कैसे?
हमारा देश गर्म देश है और चाय गर्मी को बढ़ावा देती है. चाय के सेवन करने से शरीर में उपलब्ध विटामिन्स नष्ट होते हैं. इसके सेवन से स्मरण शक्ति नष्ट होने लगती है. चाय का सेवन लिवर, रक्त आदि की वास्तविक उष्मा को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दूध से बनी चाय का सेवन आमाशय पर बुरा प्रभाव डालता है और पाचन क्रिया को क्षति पहुंचाता है. चाय में उपलब्ध कैफीन हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है, अत: चाय का अधिक सेवन प्राय: हृदय के रोग को उत्पन्न करने में सहायक होता है. चाय में कैफीन तत्व छ: प्रतिशत मात्रा में होता है जो रक्त को दूषित करने के साथ शरीर के अवयवों को भी कमजोर करता है. चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है जिसके कारन चेहरे पर लाल फुंसियां निकल आती है.
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जो लोग चाय बहुत पीते है परिणामवश उनकी आंतें जवाब दे जाती है. कब्ज घर कर जाती है और मल निष्कासन में कठिनाई आती है. चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना रहती है. चाय पीने से अनिद्रा की शिकायत भी बढ़ती जाती है और न्यूरोलाजिकल गड़बड़ियां आ जाती है. चाय में उपलब्ध यूरिक एसिड से मूत्राशय या मूत्र नलिकायें निर्बल हो जाती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति को बार-बार मूत्र आने की समस्या का सामना करना पड़ता हैं. चाय-कॉफी के विनाशकारी व्यसन में फँसे हुए लोग शरीर, मन, दिमाग और पसीने की कमाई को व्यर्थ गँवा देते हैं और भयंकर बिमारियों के शिकार बन जाते हैं.
चाय का विकल्प
चाय की आदत को छोड़ने के लिए यह जरुरी हैं कि व्यक्ति पहले अपने मन में दृढ़ संकल्प कर लें की चाय नहीं पिएंगे. परिणामवश एक दो दिन सिर दर्द हो सकता है लेकिन फिर आप सोचेंगे अच्छा हुआ छोड़ दी. सुबह ताजगी के लिए गर्म पानी ले. चाहे तो उसमे आंवले के टुकड़े और थोड़ा एलो वेरा मिला दे. सुबह गर्म पानी में शहद निम्बू या तरह तरह की पत्तियाँ या फूलों की पंखुड़ियां भी डाल कर पी सकते है. इस प्रकार आप अपने चाय की बुरी आदत से मुक्ति पा सकते हैं.