हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक जल्द ही नाक में डालने वाली वैक्सीन बाजार में लेकर आने वाली है. बीबीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने एक मीडिया संस्थान से बताया कि भारत बायोटेक कोविड -19 बीमारी से लड़ने के लिए अपने इंट्रा नोजल कोविड -19 वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है.इसके साथ ही कंपनी ने उम्मीद जताई है कि इस साल अगस्त महीने में इंट्रा नोसल कोविड -19 वैक्सीन को नियामक की मंजूरी मिल जाएगी.
उन्होंने कहा कि गुजरात के अंकलेश्वर में बीबीआईएल (भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड) का वैक्सीन निर्माण संयंत्र दुनिया के उन दो संयंत्रों में से एक है, जो मंकी पॉक्स वैक्सीन का निर्माण कर सकता है. बीबीआईएल का एक अन्य संयंत्र बवेरियन नॉर्डिक, जर्मनी में है. हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में एला ने कहा कि दवा विकास संगठन लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा और सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद करेगा. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस साल अगस्त तक लोगों को इंट्रा नोसल कोविड -19 वैक्सीन का टीका लग जाएगा.
उन्होंने बताया कि यदि कोई नया संस्करण आता है, तो जल्दी से प्लग इन करना और तेजी से आगे बढ़ना आसान होगा, इसलिए बीबीआईएल आशावादी है कि इंजेक्शन और इंट्रा नोजल कोविड -19 वैक्सीन दोनों की रणनीति भविष्य में लोगों के जीवन की रक्षा करने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि फर्म ने लगभग 4,000 स्वयंसेवकों के साथ इस नाक में डालने वाले टीके के सभी परीक्षण पूरे कर लिए हैं. अब तक साइड इफेक्ट या प्रतिकूल प्रतिक्रिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने बताया कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पहले ही बूस्टर डोज के रूप में इंट्रा नोजल वैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी।
नियामक से मिली थी परीक्षण की अनुमति
अलग से नियामक ने भारत बायोटेक को कोवैक्सिन के साथ बीबीवी-154 (इंट्रा नोजल) की प्रतिरक्षात्मकता और सुरक्षा की तुलना करने के लिए नौ साइटों पर चरण -3 नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी थी. एला ने स्पष्ट किया कि कोई भी इंजेक्शन योग्य टीका केवल शरीर के निचले स्तर को सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि यह नाक के जरिए दिया जाने वाला टीका पूरे शरीर की रक्षा करता है.
गौरतलब है कि इसी वर्ष जनवरी में एम्स, दिल्ली के डॉ. संजय राय ने एएनआई को बताया था कि अगर नाक का टीका म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान करने वाला है, तो यह मानव जाति के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. तब उन्होंने कहा था कि कोई भी टीका संक्रमण को रोकने में पूरी तरह प्रभावी नहीं है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह टीका आगे के संक्रमण को रोकने के लिए म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान करेगा. डॉ. राय ने यह भी कहा था कि नाक का टीका महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक गेम-चेंजर हो सकता है, यदि यह म्यूकोसल प्रतिरक्षा प्रदान करता है.
इंट्रा नोजल कोविद वैक्सीन के अध्ययन के लिए DCGI से मिली थी मंजूरी
डीसीजीआई की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने इस साल की शुरुआत में अपने इंट्रा नोजल कोविद वैक्सीन बीबीवी 154 के लिए 'चरण III श्रेष्ठता अध्ययन और चरण III बूस्टर खुराक अध्ययन' के संचालन के लिए भारत बायोटेक को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी.
Source : News Nation Bureau