आजकल के बिजी लाइफस्टाइल और बिगड़े खान पान की वजह से लोगों में सबसे ज्यादा समस्या मेन्टल हेल्थ और शरीर से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. पिछले लॉकडाऊन की वजह से हेल्थ डॉक्टर्स ने सभी को फिजिकल एक्टिविटीज पर ध्यान देने के लिए कहा गया था. जानकारों के मुताबिक प्रकृति की आवाज़ (Nature’s Sound) लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद कर सकती है. स्टडी में पाया गया कि प्रतिभागियों ने बर्डसॉन्ग (Birdsong) की आवाज से तनाव और मानसिक थकान दूर होती है और मानसिक रूप से शांति मिलती है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर (University of Exeter) के प्रमुख रिसर्चर एलेक्स स्माली (Alex Smalley) का कहना है, “लॉकडाउन ने लोगों की अपने आसपास की प्राकृतिक ध्वनियों को फिर से खोजने में मदद की. रिपोर्ट्स बताते हैं कि इन अनुभवों को महसूस करना मेंटल हेल्थ और संरक्षण (Conservation) व्यवहार दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है.” यही नहीं बारिश और मिटटी की खुशबू सुघने से भी इंसान की मेन्टल हेल्थ पर काफी पोसिटिव असर पड़ता है. मन शांत होता है और मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है.
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क्या कहते हैं जानकार
जानकारों के मुताबिक इस बारे में गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में मेंटल हेल्थ और बिहेवियर साइंस की प्रमुख डॉ कामना छिब्बर ने कहा कि प्रकृति की आवाज़ किसी के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे लाभ पहुंचा सकती है.