Imposter Syndrome: क्या आपको भी खुद को लेकर आते हैं नेगेटिव ख्याल, इस बीमारी से हो सकते है ग्रसित

Imposter Syndrome: इम्पोस्टर सिंड्रोम एक मानसिक बीमारी है जिसमे व्यक्ति अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को लेकर नकारात्मक रहता है. आइए जानें क्या इसके लक्षण और कारण

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Ritika Shree
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Imposter Syndrome

Imposter Syndrome ( Photo Credit : Social Media)

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Imposter Syndrome: इम्पोस्टर सिंड्रोम (Imposter Syndrome) एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने योग्यताओं, क्षमताओं, और सफलताओं को मानने में असमर्थता अनुभव करता है, और अपने आप को एक "ढोंगी" या "असली" व्यक्ति के रूप में देखता है. यह सामान्यतः स्वायत्तता और सम्मान की कमी के साथ जुड़ा होता है और व्यक्ति को अपने स्थान या सफलता के योग्य होने पर भी संदेह करने के लिए प्रेरित करता है.अक्सर, इम्पोस्टर सिंड्रोम विशेष रूप से उन लोगों में देखा जाता है जो सफलता प्राप्त करते हैं, उन्होंने उच्च योग्यता वाले पदों को हासिल किया है, या उन्होंने अद्वितीय कार्य किया है, लेकिन अपने उपलब्धियों को स्वीकारने में समस्या करते हैं. इम्पोस्टर सिंड्रोम का कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि संसारिक दबाव, स्वार्थ, स्वाभिमान, असफलता के डर, या अपने परिवार या समाज के अपेक्षाओं के प्रति चिंता. यह व्यक्ति के व्यक्तित्व, पेशेवर जीवन, और व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित कर सकता है, और यह उनकी सफलता को प्रतिबंधित कर सकता है.

इम्पोस्टर सिंड्रोम (Imposter Syndrome) के कारण

सामाजिक प्रेशर: सामाजिक, परिवारिक, या पेशेवर दबाव इंसान को अपने योग्यताओं पर संदेह करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.

असफलता का डर: व्यक्ति को यह डर होता है कि वह अपने अपेक्षाओं के मुताबिक सफल नहीं हो पाएगा, जिससे उन्हें अपनी योग्यताओं पर संदेह होता है.

स्वाभिमान की कमी: कई लोग अपने आप को अन्य लोगों की तुलना में कमजोर या अपर्याप्त मानते हैं, जिससे उन्हें इम्पोस्टर सिंड्रोम  का अनुभव हो सकता है.

निरंतर तुलना: अपने आप को बार-बार दूसरों के साथ तुलना करना, खासकर सोशल मीडिया के माध्यम से, व्यक्ति को इम्पोस्टर सिंड्रोम  की ओर ले जा सकता है.

सेल्फ-डाउट: कई लोग अपनी अनगिनत सफलताओं को भी हल्के में लेते हैं, जिससे उन्हें अपनी क्षमताओं पर संदेह होने लगता है.

इम्पोस्टर सिंड्रोम (Imposter Syndrome) के लक्षण

स्वयं को असफल मानना: व्यक्ति अपनी सफलताओं को अनदेखा करते हैं और अपने योग्यताओं को अमान्य समझते हैं.

संदेह: व्यक्ति अपनी क्षमताओं, योग्यताओं, और सफलताओं पर संदेह करते हैं और अक्सर लोगों की मुकाबले में अपने को कमजोर मानते हैं.

प्रशंसा को लेकर संदेह: जब अन्य लोग व्यक्ति की सफलताओं की प्रशंसा करते हैं, तो व्यक्ति इसे मान्य नहीं करता और अपने योग्यताओं पर संदेह करता है.

समानांतर तुलना: व्यक्ति अपने आप को बार-बार दूसरों के साथ तुलना करते हैं और अपने को कमजोर या असमर्थ मानते हैं.

भय या तनाव: इम्पोस्टर सिंड्रोम वाले व्यक्ति अक्सर अपने असफलताओं के बारे में चिंतित रहते हैं और अधिकतम स्तर पर काम करने में भय और तनाव महसूस करते हैं.

अपने सक्षमताओं की अवहेलना: अपनी सक्षमताओं की अनगिनत सफलताओं के बावजूद, व्यक्ति इम्पोस्टर सिंड्रोम में होने पर भी अपनी सक्षमताओं की अवहेलना करता है.

ये लक्षण एक व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और यदि किसी व्यक्ति को ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो उसे सामाजिक सहायता और समर्थन की आवश्यकता हो सकती है.

Source : News Nation Bureau

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