Heat Waves Will Break Human Survivability Limit: ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते जलवायु परिवर्तन की वजह से लाखों लोग असमय काल कवरित हो जाएंगे. भारत में इसका बहुत असर पड़ेगा. जल्द ही वो समय आने वाला है, जब भारत में लोग लू के थपेड़ों के आगे खुद को बेबस और पस्त पाएंगे. भारत में इसका अनुभव महसूस भी किया जा रहा है. आपने भी ध्यान दिया होगा कि अब गर्मियां जल्दी आने लगी हैं और गर्मी का मौसम थोड़ा ज्यादा लंबा हो चला है. बारिश सारे रिकॉर्ड कहीं तोड़ रही, तो कहीं सूखे की वजह से सबकुछ नष्ट हो जा रहा है. ऐसे में वर्ल्ड बैंक ने एक ऐसी रिपोर्ट जारी की है, जो डराने वाली है.
अप्रैल में ही झेलने पड़ रहे लू के थपेड़े
वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट को 'भारत के शीतलन क्षेत्र में जलवायु निवेश के अवसर' नाम से जारी किया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगातार तापमान बढ़ रहा है. अब गर्मी का मौसम लंबा हो चला है. अप्रैल में ही लू के थपेड़े लोगों को पस्त करने लगे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में अप्रैल महीने में ही तापमान 46 डिग्री सेल्सियस को छू जाता है. अप्रैल छोड़िए, मार्च महीने में ही लू चलने की नौबत आ चुकी है. केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में सरकारी रिपोर्ट भी ये इंगित करती है कि अब इंसानों के जीवन पर खतरा बढ़ चुका है. तटीय इलाकों में कटाव बढ़ा है. जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकारी पैनल की छठी रिपोर्ट जो कि अगस्त 2021 में आई थी, उसमें भी बताया गया है कि आने वाले दशक में भारतीय उपमहाद्वीप खतरे में पड़ चुका होगा.
जी20 क्लाइमेट रिस्क एटलस में भी यही बात
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में जी20 देशों के क्लाइमेट रिस्क एटलस में भी भारत को खतरनाक स्थिति में जाता दिखाया गया है. उसमें कहा गया है कि कार्बन उत्सर्जन पर तेजी से काबू नहीं पाया गया, तो साल 2036 से 2065 तक हालात 25 गुना अधिक खराब हो जाएंगे. इससे समूचे भारत पर असर पड़ेगा.
HIGHLIGHTS
- जलवायु परिवर्तन की बड़ी मार भारत पर पड़ेगी
- गर्मियों का मौसम लगातार हो रहा लंबा
- खतरे में है भारतीय उपमहाद्वीप पर जीवन
Source : News Nation Bureau