भारत में जल्द ही कोरोना वायरस की अलग अलग वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) को एक साथ मिलाकर टेस्ट किया जाएगा. साथ ही ये देखा जाएगा कि ये हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत बना रहा है या नहीं. दरअसल ये टेस्ट वर्तमान में मौजूद वैक्सीन और लागू होने वाली वैक्सीन को मिलाकर किया जा सकता है. वैक्सीन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के तहत कोविड 19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कुछ हफ्तों में काम शुरू होने की उम्मीद जताई है. डॉ अरोड़ा ने बताया कि कोरोना वायरस की अलग अलग वैक्सीन को टेस्ट करने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में लगभग आठ वैक्सीन को मिला कर टेस्ट किया जा सकता है.
वैक्सीन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के तहत कोविड 19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने बताया कि अगस्त तक हमारे पास प्रति माह 20-25 करोड़ टीके की खुराक की उपलब्धता होगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावे हमें अन्य निर्माण इकाइयों से 5-6 करोड़ खुराक या फिर अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन खुराक मिल सकती है. देश में प्रतिदिन 1 करोड़ लोगों को टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
डॉ अरोड़ा ने बताया कि कोरोना वायरस की अलग अलग वैक्सीन को टेस्ट करने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में लगभग आठ वैक्सीन को मिला कर टेस्ट किया जा सकता है, इसमें वर्तमान में मौजूद तीन वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस निर्मित स्पुतनिक वी शामिल है. वहीं परीक्षण के दौरान ये जानने की कोशिश की जाएगी कि क्या विभिन्न प्लेटफार्मों पर आधारित वैक्सीन एक साथ दी जा सकती हैं और कौन सी वैक्सीन पहली और दूसरी खुराक में दी जा सकती हैं.
डॉ अरोड़ा के मुताबिक ऐसी वैक्सीन के संयोजन की तलाश हो रही है जो बेहतर सुरक्षा प्रदान करें. कोविड 19 वैक्सीन के मिश्रण पर कोविड 19 कार्य समूह एनटीएजीआई और कोविड 19 वैक्सीन प्रशासन ने चर्चा की है. डॉ अरोड़ा ने बताया कि इन परीक्षणों को कोविड 19 के खिलाफ देश के मौजूदा वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक अभी छह वैक्सीन को भारत में लागू किया जाना है, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स, बायोलॉजिकल ई की कॉर्बेवैक्स, जायडस कैडिला की ज़ीकोव डी, जेनोवा की एमआरएनए वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की बायो ई और भारत बायोटेक की इंट्रानैसल शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau