ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर भारत सतर्क हो गया है. बीते दिन ब्रिटेन से आए 20 यात्रियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है. ब्रिटेन से आ रहे यात्रियों पर करीबी नजर रखी जा रही है. सरकार ने कहा कि उस देश से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें सांस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजा जाना चाहिए.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी में निर्देश दिए गए हैं कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन होकर आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाए. दिशा-निर्देश में कहा गया है कि पिछले 4 हफ्ते में भारत के विभिन्न हवाई अड्डे पर ब्रिटेन से आई उड़ानों के यात्रियों के बारे में सूची आव्रजन ब्यूरो द्वारा राज्य सरकारों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) को मुहैया कराई जाएगी. इससे निगरानी टीमें यात्रियों का पता लगा पाएंगी. ब्रिटेन के यात्रियों के लिए जारी सरकार की एसओपी के अनुसार, संक्रमित पाए जाने वाले लोगों को संस्थागत इकाई में अलग रखा जाएगा.
ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों की यात्रा का ब्योरा देना होगा और कोविड-19 की जांच के लिए एक आवेदन भरना होगा. एसओपी में कहा गया है कि संबंधित राज्य 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर तरीके से जांच कराएंगे. हवाई अड्डे पर संक्रमित नहीं पाए गए यात्रियों को घर में पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी. संक्रमित पाए गए यात्रियों को संबंधित राज्य के प्राधिकारों द्वारा सांस्थानिक पृथक-वास केंद्रों में अलग कक्ष में भेजा जाएगा.
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इससे पहले सोमवार देर रात और मंगलवार को ब्रिटेन से आए सभी यात्रियों की जांच की गई. इस प्रक्रिया में कई घंटे लगे जिससे दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत कई हवाई अड्डों पर अव्यवस्था और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए 20 लोगों में से छह एक ही उड़ान में थे, जो सोमवार को रात में 11.30 बजे दिल्ली पहुंची. इसके अलावा रविवार की रात कोलकाता पहुंची उड़ान के दो यात्री, मंगलवार को अहमदाबाद पहुंची उड़ान के चार यात्री भी संक्रमित मिले. अमृतसर पहुंची एक उडान से आए सात यात्रियों और चालक दल के एक सदस्य के भी वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी. सभी लंदन से एयर इंडिया की सीधी उड़ानें थीं.
उधर, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अपने देश में इस प्रकार के वायरस का पता नहीं लगा... अगर हम जीनोमिक श्रृंखला पर काबू पाते हैं तो हम सुरक्षित रहेंगे.' उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में मिले वायरस का तैयार हो रहे टीकों की संभावना पर कोई प्रभाव नहीं है. इसके अलावा जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण को लेकर नमूनों को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे या किसी उपयुक्त प्रयोगशाला में भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
Source : News Nation Bureau