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वैज्ञानिकों ने निकाला Omicron और Corona के वैरिएंट्स का तोड़, वायरस की कर देंगे छुट्टी

कोरोना ने साल 2020 से आतंक मचाया हुआ है. हालांकि, लोगों के लिए एक राहत की बात ये कि एक नई स्टडी (Coronavirus new study 2022) के मुताबिक पता चला है कि सर्दी-जुकाम से बॉडी में कोविड से लड़ने की इम्यूनिटी बढ़ती है.

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Megha Jain
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Coronavirus new study 2022

Coronavirus new study 2022( Photo Credit : Unsplash)

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कोरोना ने साल 2020 से आतंक मचाया हुआ है. जिसकी दहशत साल 2022 में भी लगातार बनी हुई है. पूरी दुनिया पिछले दो सालों से इस वायरस से जंग लड़ रही है. इस दौरान इसके नए-नए वैरिएंट्स ने लोगों के मन में और खौफ पैदा कर दिया है. अब, पिछले साल के नवंबर की ही बात ले लीजिए जब ये ओमिक्रॉन वैरिएंट (omicron variant) पाया गया था. इसके बाद से ही कोराना के मामलों में रफ्तार आनी शुरू हो गई थी. बात अगर सिर्फ भारत की करें तो, यहां बीते दिनों में लाखों केस दर्ज किए जा चुके है. अब, तो किसी को खआंसी-जुकाम भी हो रहा है. तो भी लोग घबरा रहे है. हालांकि, इन्हीं लोगों के लिए एक राहत की बात ये कि एक नई स्टडी (Coronavirus new study 2022) के मुताबिक पता चला है कि सर्दी-जुकाम से बॉडी में कोविड से लड़ने की इम्यूनिटी बढ़ती है. ये स्टडी लंदन के साइंटिस्ट ने की है.  

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स्टडी में शामिल साइंटिस्ट का कहना है कि आम खांसी और छीकें T कोशिकाओं को बढ़ाती है. ये ही सेल्स बॉडी में वायरस की पहचान करते है. डॉक्टर्स के मुताबिक, "हमने पाया कि पहले से मौजूद T कोशिकाओं (coronavirus study) के हाई लेवल से कोविड संक्रमण से बचा सकता हैं. ये एक महत्वपूर्ण खोज है लेकिन ये सुरक्षा का केवल एक रूप है और  और सिर्फ इसी पर अकेले भरोसा नहीं किया जा सकता. कोरोना से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर लगवाएं.'  

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स्टडी में ये भी पता चला है कि इंफेक्शन को खत्म करने वाली टी कोशिकाएं दूसरे संक्रमण के खिलाफ भी काम करती हैं. टी कोशिकाएं जिन प्रोटीन की पहचान करती हैं, वह बेहद कम म्यूटेंट होते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर नई वैक्सीन में भी इन प्रोटीन को शामिल किया जाए तो मौजूदा और भविष्य में आने वाले कोरोना के अन्य वेरिएंट्स से बचा जा सकता है. 

ये स्टडी 52 लोगों के एक ग्रुप पर की गई थी. जिन्हें कोरोना के पेशंट्स के साथ रखा गया था. स्टडी में पाया गया कि इन लोगों में से सिर्फ आधे लोग ही कोरोना से संक्रमित हुए. ब्लड टेस्ट से पता चला कि इंफेक्शन से बचने वाले इन लोगों में टी कोशिकाएं बहुत ज्यादा क्वांटिटी में थीं. इन लोगों को पहले कोरोना हो चुका था. साइंटिस्ट के मुताबिक, हमारे आसपास कम से कम चार तरह के कोरोना वायरस हैं जो रोजाना लोगों को संक्रमित करते हैं. इनमें से किसी एक से आम सर्दी-जुकाम होता है.  

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