Infectious Mononucleosis: संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (Infectious mononucleosis), जिसे सामान्यतः मोनो या ग्लैंडुलर फीवर के रूप में जाना जाता है, एप्स्टीन-बार वायरस (EBV) द्वारा उत्पन्न एक वायरल संक्रमण है. यह अधिकांश युवा और बालिकाओं को प्रभावित करता है, लेकिन किसी भी आयु में हो सकता है. मोनो को "द किसिंग डिजीज" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह अक्सर थूक के माध्यम से प्रसारित होता है. हालांकि, यह दूसरे शारीरिक तरल, जैसे रक्त और वीर्य, के माध्यम से भी फैल सकता है, साथ ही संक्रमित व्यक्तियों के करीबी संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है. मोनो आमतौर पर खुद से समाप्त हो जाने वाली बीमारी है, लेकिन लक्षणों का समर्थन करने के लिए सहायक देखभाल महत्वपूर्ण है. विश्राम, पृष्ठित सेवन, और ओटीसी दर्दनिवारक दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं. तथापि, मोनो के संक्रमित व्यक्तियों को तिल्ली के बढ़ने के कारण तिव्र शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए, जो स्पीलीन के फटने के संभावनाओं को रोक सकता है.
संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (Infectious Mononucleosis) के कारण
संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस का प्रमुख कारण एप्स्टीन-बार वायरस (EBV) है, जो एक हर्पेसवायरस के संज्ञानात्मक परिवार का हिस्सा है. यह वायरस बुखार, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, और गले में दर्द जैसे लक्षणों का कारण बनता है. यह वायरस जीवाणुओं के माध्यम से फैलता है, जैसे कि छींकने, खासकर सालिवा के माध्यम से. इसलिए इसे "किसिंग डिजीज" भी कहा जाता है. यह वायरस शारीरिक संपर्क के माध्यम से आसानी से फैलता है, और अक्सर संक्रमित व्यक्तियों के साथ निर्जनालिका संबंधों के बजाय संपर्क से फैलता है.
संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (Infectious Mononucleosis) के लक्षण
बहुत अधिक थकान
गले में दर्द और सूजन
उच्च तापमान या बुखार
सूजी हुई लिम्फ नोड्स, जो कमर में, टेस्टिकल्स के पास या शरीर के अन्य हिस्सों में सूज सकती हैं
गले में सफेद पैचेस का दिखाई देना
अनियमित या कम भूख
तनाव और चिंता
माथे के पीछे या जीभ पर पतली लाल स्कीन के पैचेस
लीवर या स्पीलीन की बड़ी इंटरस्टीशियल सिस्टम की सिकुड़न
संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस (Infectious mononucleosis) के इलाज
संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस का कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए कई सामान्य सावधानियां और उपाय हो सकते हैं. आइए जानें इसके लिए कुछ जरूरी उपाय:
आराम: संक्रमक मोनोन्यूक्लिओसिस के दौरान आराम करना महत्वपूर्ण है. शारीरिक श्रम को घटाने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि तिल्ली के बढ़ने की संभावना होती है, जिससे घातक हो सकता है.
दवाओं का सेवन: दर्द और फीवर के लिए उपयुक्त दवाओं का सेवन करें, जैसे कि इबुप्रोफेन या पैरेसेटामोल.
हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और लक्षणों को कम करने में मदद करता है.
संतुलित आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन, और फाइबर शामिल हों.
डॉक्टर की सलाह: संक्रमण के लक्षणों के लिए डॉक्टर की सलाह लें और उनके द्वारा निर्देशित उपचार का पालन करें.
अगर किसी को मोनोन्यूक्लिओसिस के संकेत होते हैं, तो उन्हें अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर समस्या की गहराई को मापने और सही उपचार का परामर्श देने में सहायक हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau