हर साल 21 जून को वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. इस साल पूरी दुनिया 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रही है. हमारे देश भारत के साथ-साथ अब पूरी दुनिया योग की ताकत को मान रही है. योग न सिर्फ शारीरिक, बल्कि हमें मानसिक मजबूती भी देता है. योग, ध्यान, बहस और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शनों पर आधारित इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की अगुआई न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री मोदी करने जा रहे हैं, ये अपने आप में हमारे देश के लिए गर्व की बात है.
इस बार की क्या है थीम?
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" के सिद्धांत के साथ वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है. इस साल योग दिवस की इस थीम को केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा चुना गया है, जिसकी जानकारी पीएम मोदी ने अपने मासिक "मन की बात" कार्यक्रम में दी थी.
भारत में योग का इतिहास
भारत में खासतौर पर योग का इतिहास काफी पुराना रहा है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत हाल ही में साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसकी पहल की गई थी, जिसके मद्दनजर तारीख 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित किया था. गौरतलब है कि कुल 193 सदस्य देशों में से 177 सदस्य देशों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
कब मनाया गया था अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
तारीख 21 जून 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की मंजूरी के बाद पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन भव्य तरीके से किया गया था. 4 देशों के प्रतिनिधियों समेत करीब 35 हजार से अधिक लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर पीएम मोदी के नेतृत्व में योग के 21 आसन किए थे.
क्या है योग दिवस का महत्व?
योग जरूरी है हमारे स्वस्थ शरीर और मन के लिए. हमारे जीवन में योग सकारात्मक प्रभाव करता है. हर साल तारीख तारीख 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मकसद लोगों के बीच योग के अभ्यास को बढ़ावा देना है, जिसके मद्देनजर पूरी दुनिया में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
Source : News Nation Bureau