मोटापा आजकल न सिर्फ बड़ों में बल्कि बच्चों में भी एक गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है। खान-पान के तरीकों से लेकर खराब लाइफस्टाइल मोटापे का कारण है। WHO के मुताबिक दुनियाभर में 42 मिलियन पांच साल के बच्चे मोटापे का शिकार है। बच्चों में मोटापे से उन्हें गंभीर रोग जैसे डायबिटीज और दिल संबंधी बीमारियों के होने का खतर कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
हाल ही में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिन सात साल की उम्र के बच्चों के बेडरूम में टीवी है उनके वजन में बदलाव देखे गए है। उन बच्चों के 11 साल की उम्र में मोटापे का शिकार होने की संभावना 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की शोधकर्ता अन्जा ने बताया, 'हमने शोध में पाया कि जिन बच्चों के बैडरूम में टीवी है उनमे मोटापा और शरीर में चर्बी जमा होने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में मोटापा होने की कई वजह है। ज्यादा कंप्यूटर,टीवी और फोन का इस्तेमाल करने से मोटापा घटने के बजाए बढ़ता है।'
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ये अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित हुआ था।
शोध में पाया गया कि बच्चे करीब 35 से 40 फीसदी अपने माता-पिता के शरीर के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से मोटापा विरासत में पाते हैं। यह इस पर निर्भर करता है उनके माता पिता कितने दुबले या मोटे हैं।
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Source : News Nation Bureau