अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसमें याददाश्त कमजोर होने के साथ साथ सोचने समझने की शक्ति भी कम हो जाती है। अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को आने वाले समय में साधारण जिंदगी जीने में मुश्किल होती है।
यह एक तरह से लाइलाज बीमारी होती है। भारत में 50 लाख से भी ज़्यादा लोग मानसिक बीमारी का सामना कर रहे हैं, जिसमें से 80 प्रतिशत लोगों को अल्जाइमर है।
डॉक्टरों का कहना है कि 2030 में यह संख्या दोगुनी हो सकती है। अल्जाइमर रोग होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन हाई ब्लड प्रेशर होना, डायबिटीज होना और लाइफस्टाइल खराब होना भी इसकी एक बड़ी वजह है।
अल्जाइमर बीमारी, दिमाग में एमलौइड नामक प्रोटीन के इक्ट्ठा होने से होती है। यह बीमारी बढ़ती उम्र में होती है।
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अल्जाइमर तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है जिसका मतलब है कि वक्त के साथ-साथ दिमाग के अन्य हिस्से खराब होते जाते है। अल्जाइमर पीड़ित को रोज के काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 47 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित है और हर साल 77 मिलियन नए केस दर्ज किये जाते है।
शुरुआती स्टेज के लक्षण
- चीजें भूल जाना
- वक्त का ख्याल न रहना
- परिचित स्थानों में खो जाना
बीच की स्टेज के लक्षण
- हाल में हुई घटनाओं और लोगों के नामों को भूल जाना
- निजी देखभाल में मदद की ज़रूरत है
- व्यवहार में बदलाव आना , बार-बार एक ही सवाल पूछना
आखिरी स्टेज
- समय और जगह से अनजान हो जाना
- रिश्तेदार या दोस्तों को पहचानने में मुश्किल
- चलने में दिक्क्त
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जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे ही पीड़ित की याददाश्त कमजोर होने लगती हैं। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से बचना चाहता है, तो वह अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाता रहे।
पूरी नींद, दिमागी और प्राकृतिक रूप से सक्रिय रहने, पढ़ते-लिखते रहने और हल्दी लेने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
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Source : News Nation Bureau