वजन घटाने के लिए विश्व की सबसे वजनी मानी जाने वाली इमान अहमद के मिस्र से मुबंई आने के बाद बैरियाट्रिक सर्जरी काफी चर्चा में आई। बैरियाट्रिक सर्जरी वजन को तेजी से घटाने का इलाज माना जाता है। 500 किलो इमान ने इस सर्जरी के बाद 324 किलो वजन घटाया। डॉक्टर्स के मुताबिक इमान का वजन अब 176 किलो रह गया है।
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क्या होती है बैरियाट्रिक सर्जरी
बैरियाट्रिक सर्जरी लैप बैंड, स्लीव गैस्ट्रीकटोमी और गैस्ट्रीक बाइपास तीन तरह से की जाती है। ये सर्जरी लेप्रोस्कोपिक तरीके से की जाती हैं। एक ऐसी सर्जरी जो मेडिकल साइंस के इतिहास में डायबिटीज और मोटापे का सबसे सफल इलाज है।
- लैप बैंड सर्जरी के बाद खाने की क्षमता बहुत कम हो जाती है।
- स्लीव गैस्ट्रीक्टोमी के बाद डेढ़ से दो किलो वजन हर हफ्ते कम होना शुरू हो जाता है।
- गैस्ट्रीक बाइपास में आमाशय को बांटकर एक शेल्फ, गेंद के आकार का बनाकर छोड़ दिया जाता है।
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कैसे करती है काम
इस सर्जरी में 12-18 महीने में 80-85 फीसदी वजन कम हो जाता है। शरीर पर 5 से 10 जरूरत के मुताबिक अलग-अलग जगहों पर छेद किए जाते हैं। फिर पेट के अंदर एक छोटा सा पाउच यानि की बैलून का आकार बनाया जाता है।
फिर पेट के अंदर से एक दूसरा रास्ता बनाकर खान की छोटी आंत की तरफ बाईपास किया जाता है। यानि आपकी आंत में खाना जमा होने की जगह को छोटा कर दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद खाना देर से पचता है और भूख बढ़ाने वाला 'ग्रेहलीन' हार्मोन भी बनना बंद हो जाता है।
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अन्य बीमारियों में मददगार
इससे शरीर में जमा फैट एनर्जी के रूप में खर्च होने लगता है और तेजी से वजन कम होने लगता है। मोटापे के चलते टाइप-2 डायबीटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, जोड़ों की तकलीफ जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में बेहद मोटे लोगों को जितना जल्दी हो सके, बैरियाट्रिक सर्जरी का विकल्प चुन लेना चाहिए क्योंकि देर होने पर जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
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सर्जरी के बाद भी देखभाल की जरूरत
बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद लगभग एक साल तक विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। मरीज को दो से चार बार डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होती है। वजन घटाने वाली दूसरी सर्जरी की तुलना में बैरियाट्रिक सर्जरी के खतरे बहुत कम हैं। इसमें लेप्रोस्कोपिक तरीका प्रयोग किया जाता है, जिससे दर्द बहुत कम होता है और यह आसानी से हो जाता है।
हालांकि सर्जरी के बाद मरीज को पेट दर्द, उल्टी, ब्लीडिंग आदि जैसी समस्याएं होती है। ऐसे में उन्हें तुंरत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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Source : Aditi Singh