दही का नाम जब भी आता है इसके साथ चीनी, काला नमक, या काली मिर्च का नाम भी साथ में आता है. दही का नाम जब भी आता है तब सफ़ेद दही की एक तस्वीर बन जाती है. क्योंकि बचपन से ही हमें दही में चीनी मिला कर खिलाया गया है. जानकारों के मुताबिक करीब 15 से 20 साल पहले तक गांवों में लाल दही (Red Curd) बनाई जाती थी. लाल रंग की यह दही सफेद दही की तुलना में कहीं अधिक स्वादिष्ट (Tastey Curd) और पौष्टिक (Nutritious) होती है. यही वह दही है, जिसका रायता (Rayata) बनाकर भोजन के साथ खाने की अनुमति आयुर्वेद (Ayurveda) देता है.
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सफेद दही खाने की आयुर्वेदिक विधि
- आयुर्वेद और कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सफेद दही का सेवन भोजन के साथ नहीं करना चाहिए. नियमित रूप से भोजन के साथ दही खाने पर आपका पाचन भी डिस्टर्ब होता है और स्किन डिजीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
- आप नाश्ते के बाद या लंच के पहले सफ़ेद दही खा सकते हैं. इससे आपका पेट ठंडा भी रहेगा.
- सफेद दही से बना फ्रूट रायता भी खाया जा सकता है.
- मुंह के छाले दूर करने के लिए आप सफेद दही को दिन में तीन से चार बार खाएं.
- दही को त्वचा पर लगाने से भी दाग धब्बे दूर होते हैं.
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Source : News Nation Bureau