Fatty liver: फैटी लीवर एक ऐसी स्थिति है, जहां अतिरिक्त वसा लीवर कोशिकाओं में जमा हो जाता है. इसे "नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज" (NAFLD) भी कहा जाता है. हालाँकि यह शुरुआती अवस्था में हानिरहित लग सकता है, परन्तु उपचार नहीं करने पर गंभीर जटिलताओं का खतरा रहता है. इस लेख में हम विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे जो फैटी लीवर को ठीक करने में मददगार हो सकते हैं. ध्यान दें कि यह लेख चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है. हमेशा किसी योग्य डॉक्टर से निदान और उपचार योजना प्राप्त करें.
आहार में परिवर्तन:
वजन घटाना: फैटी लीवर के इलाज का सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम वजन कम करना है. लक्ष्य लीवर में संग्रहीत वसा के 5-10% को कम करना है.
चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट कम करें: इनका सेवन सीमित करना महत्वपूर्ण है. सफेद ब्रेड, पास्ता, चावल, चीनी युक्त पेय, और पैकेज्ड स्नैक्स का कम सेवन करें.
स्वस्थ वसा बढ़ाएं: मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा का सेवन बढ़ाएं. जैतून का तेल, एवोकैडो, नट्स, और बीज शामिल करें.
फल और सब्जियां बढ़ाएं: ये एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. प्रतिदिन विभिन्न रंगों और किस्मों के फल और सब्जियां खाएं.
पर्याप्त प्रोटीन लें: यह मांसपेशियों के निर्माण और टूटने को रोकने में मदद करता है. दुबला मांस, मछली, अंडे, और फलियां प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं.
जीवनशैली में बदलाव:
नियमित व्यायाम: कम से कम सप्ताह में 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम करें. जॉगिंग, तैराकी, साइकिल चलाना, या तेज चलना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी से सूजन बढ़ सकती है, जो फैटी लीवर को खराब कर सकती है. हर रात 7-8 घंटे की नींद लें.
तनाव प्रबंधन: तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा सकता है, जो फैटी लीवर को प्रभावित करता है. योग, ध्यान, या गहरी साँस लेने के व्यायाम तनाव को कम करने में मददगार हो सकते हैं.
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान लीवर को नुकसान पहुंचाता है और फैटी लीवर को और खराब कर सकता है.
शराब का सेवन सीमित करें: शराब का अधिक सेवन सीधे लीवर को नुकसान पहुंचाता है. इसका सेवन बहुत सीमित मात्रा में या बिल्कुल न करें.
पूरक और वैकल्पिक उपचार:
विटामिन ई: कुछ शोधों में विटामिन ई को फैटी लीवर के लिए फायदेमंद पाया गया है. परन्तु इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए.
हल्दी: हल्दी में कर्क्यूमिन पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी है. लेकिन इसका उपयोग भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें.
कुटकी के बीज का पाउडर: कुछ अध्ययनों में कुटकी के बीज का पाउडर को फैटी लीवर के लिए लाभकारी पाया गया है. हालांकि, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
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Source : News Nation Bureau