What is Pellagra? पेलाग्रा एक पोषक अभाव सम्बन्धी रोग है जो विटामिन बी3 की कमी के कारण होता है, जो पोषक अभाव, अनाज के अधिक सेवन या अल्कोहल उपयोग की वजह से हो सकता है. यह रोग मुख्यतः कम प्रदूषण वाले क्षेत्रों में दिखाई देता है, और यह रोग अनुभव करने वाले व्यक्तियों में दुर्बलता, त्वचा की सूजन, अल्प बूदा, दस्त, और मानसिक अस्वस्थता के लक्षण हो सकते हैं. इस रोग का उपचार विटामिन बी3 की आवश्यक मात्रा को पूरा करने के माध्यम से किया जाता है. इस रोग का प्राथमिक इलाज भोजन की अपशिष्टता या अनाज के अधिक सेवन की वजह से होता है.
पेलाग्रा के लक्षण त्वचा में सूजन, सूजन, खुजली, और अधिक सूजन शामिल हैं. अन्य सामान्य लक्षण में दस्त, दुर्बलता, अनियमित हृदय धड़कन, अपच, उल्टी, और मानसिक अस्वस्थता शामिल हो सकती है. पेलाग्रा का उपचार विटामिन बी3 की पूर्ति, प्राकृतिक पोषण, और नियमित व्यायाम के माध्यम से किया जाता है. यदि समय रहते निदान और उपचार नहीं किया जाता है, तो यह रोग गंभीर हो सकता है. जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है.
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पेलाग्रा के कारण
अगर आपका आहार नियासिन संबंधी खाने से भरपूर नहीं है, तो इससे पेलाग्रा हो सकता है. कुछ व्यक्ति विटामिन बी3 की कमी के कारण पेलाग्रा का शिकार होते हैं, जो अनाज के अलावा अन्य पोषण स्रोतों से भी प्राप्त किया जा सकता है. दूषित आहार, पोषण की कमी या अत्यधिक अल्कोहल की वजह से भी पेलाग्रा हो सकता है. किसी अन्य रोग के उपचार के लिए दिए गए दवाओं का अधिक सेवन करने से भी पेलाग्रा हो सकता है. अधिकतर उम्रदराज लोगों में नियासिन की कमी हो सकती है, जिससे पेलाग्रा का खतरा बढ़ जाता है. इन कारणों से पेलाग्रा हो सकता है, और संबंधित लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है.
पेलाग्रा का इलाज
औषधि
डॉक्टर द्वारा निर्धारित और निर्देशित दवाओं का सेवन करना पेलाग्रा के इलाज में मदद कर सकता है. इन दवाओं में डोक्सासाइक्लीन, टेट्रासाइक्लीन, और अन्य एंटिबायोटिक्स शामिल हो सकते हैं.
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अल्पकालिक संयंत्रण
पेलाग्रा के लिए अल्पकालिक संयंत्रण भी कारगर हो सकता है. इसमें विटामिन B3 (नियासिन) के साथ अन्य पोषण सामग्री का सेवन शामिल हो सकता है.
स्वस्थ आहार
पेलाग्रा के मरीजों को स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए. इसमें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन शामिल होना चाहिए, जैसे कि फल, सब्जियाँ, अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ.
राज्य की जांच और निगरानी
पेलाग्रा के मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर अपनी स्थिति की निगरानी करवानी चाहिए ताकि सही इलाज का चयन किया जा सके. उपर्युक्त सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं और बीमारी के लिए सही चिकित्सा सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य है.
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Source : News Nation Bureau