लंदन में एक शोध में पाया गया है कि कोविड-19 के हर 20 पीड़ितों में से एक कम से कम आठ हफ्तों तक बीमार रहा. इसे लांग कोविड कहा जा रहा है. बताया जा रहा है कि ब्रिटेन में लाखों और दुनिया भर में करोड़ों लोगों के 'लांग कोविड' से ग्रस्त होने की आशंका है. भारत में भी कई मरीजों में कई हफ्तों तक लक्षण बने रहने की खबरें आ रही हैं, जबकि भारत में रिकवरी दर बहुत अच्छा है फिर भी यहां लांग कोविड के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता.
लांग कोविड क्या है : लंदन में लांग कोविड को लेकर काफी विश्लेषण किया गया है. कोविड-19 से रिकवर होने पर भी बीमारी बनी रहती है. जिनमें लांग कोविड की शिकायत पाई गई, उनमें कोरोना पॉज़िटिव आने पर भी दो खास ढंग के लक्षण पाए जाते हैं. पहला लक्षण सांस तंत्र की शिकायतों से जुड़ा है यानी थकान, सिरदर्द या सांस लेने में परेशानी. दूसरे लक्षणों में हृदय, आंत या ब्रेन जैसे कई अंगों पर होने वाले असर को माना जा रहा है.
शोध में कहा गया है कि ज़्यादातर कोविड मरीज़ 11 या कम दिनों में ठीक हो रहे हैं. लेकिन हर 7 मरीज़ों में से एक को ठीक होने में चार हफ्तों का समय लग रहा है. 20 में से एक मरीज़ आठ हफ्ते में दुरुस्त हो रहा है तो 50 में से एक को उससे भी ज़्यादा वक्त लग रहा है. शोध में यह भी कहा जा रहा है कि 18 से 49 साल के मरीजों में से 10% लोगों में लांग कोविड पाया जा रहा है तो 70 साल से अधिक उम्र के मरीज़ों में यह दर 22% है. जवान महिलाओं को पुरुषों की तुलना में लांग कोविड का जोखिम 50% अधिक है.
Source : News Nation Bureau