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Lordosis: लॉर्डोसिस कैसे करता है शरीर को प्रभावित, जानें इसका सही इलाज

Lordosis: लॉर्डोसिस एक सामान्य पोषण संबंधी डिजीज है यह स्थिति नसों और कंधों की कमजोरी के कारण होती है, जो पीठ की धाराओं को ठीक से मजबूत नहीं कर पाता है. आइए जानें क्या हैं इसके लक्षण और कारण

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Ritika Shree
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Lordosis

Lordosis( Photo Credit : social media)

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Lordosis: लॉर्डोसिस एक आम चिकित्सा स्थिति है जो अधिक मांसपेशियों का उपयोग करने की वजह से होती है और जिसमें मांसपेशियों में दर्द और असहमति होती है. यह एक गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह दर्दनाक और परेशानी देने वाली हो सकती है. लॉर्डोसिस का मुख्य कारण लंबे समय तक गलत बैठाव या सोने का अभ्यास हो सकता है, जिससे पीठ के मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाता है. इसके अलावा, लंबे समय तक अधिक मांसपेशियों का उपयोग करने से भी लॉर्डोसिस हो सकता है. लॉर्डोसिस के लक्षणों में पीठ की दर्द, पेशियों का असहमति, और जांघों में तनाव शामिल हो सकते हैं. यह दर्द सीमित या स्थायी हो सकता है और अक्सर बैठे या चले जाने पर बढ़ सकता है. लॉर्डोसिस का इलाज आमतौर पर व्यायाम, मांसपेशियों के दबाव को कम करने के लिए आसनों का उपयोग, और अच्छे बैठाव के अभ्यासों को शामिल करता है. कई बार, चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा स्वस्थ बैठाव और सोने के तरीकों की सलाह दी जाती है. लॉर्डोसिस आमतौर पर अच्छे बैठाव और स्वस्थ जीवनशैली के अभ्यासों को बदलकर निवारित किया जा सकता है. यदि दर्द या असहमति लंबे समय तक बनी रहती है, तो चिकित्सा परामर्श लेना उचित होता है. वैसे तो लॉर्डोसिस हर उम्र के लोगों में देखा जाता है, लेकिन इसके ज्यादातर मामले 50 साल से अधिक उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं में पाए जाते हैं.

लॉर्डोसिस के कारण

सामान्य लॉर्डोसिस: यह प्रकार आमतौर पर मांसपेशियों की कमजोरी या खराब मुद्रा के कारण होता है.

जन्मजात लॉर्डोसिस: यह प्रकार रीढ़ की हड्डी की हड्डियों के असामान्य आकार के कारण होता है.

अधिग्रहित लॉर्डोसिस: यह प्रकार बाद में जीवन में विकसित होता है, और यह मोटापे, ऑस्टियोपोरोसिस, या रीढ़ की हड्डी की चोट जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है.

लॉर्डोसिस के लक्षण

पीठ के निचले हिस्से में दर्द: यह लॉर्डोसिस का सबसे आम लक्षण है. दर्द तीव्र या सुस्त हो सकता है, और यह आंदोलन के साथ खराब हो सकता है.

कठोरता: लॉर्डोसिस पीठ के निचले हिस्से को कठोर बना सकता है, जिससे झुकना और मुड़ना मुश्किल हो सकता है.

थकान: लॉर्डोसिस थकान का कारण बन सकता है, खासकर यदि आप लंबे समय तक खड़े रहते हैं या बैठते हैं.

मांसपेशियों में ऐंठन: लॉर्डोसिस पीठ की मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बन सकता है.

खराब मुद्रा: लॉर्डोसिस खराब मुद्रा का कारण बन सकता है, जिससे गर्दन और कंधों में दर्द हो सकता है.

लॉर्डोसिस का इलाज

व्यायाम: पीठ की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाए रखने के लिए व्यायाम करना महत्वपूर्ण है. आसनों का अभ्यास, पासा और रिसिस्टेंस ट्रेनिंग, और कोर स्ट्रेंथनिंग व्यायाम लॉर्डोसिस के इलाज में सहायक हो सकते हैं.

अच्छे बैठाव के अभ्यास: सही बैठाव और सोने के तरीकों का अभ्यास करना भी लॉर्डोसिस के इलाज में महत्वपूर्ण है. यह शामिल करता है कि कैसे आप सीधे बैठने, उठने, और सोते समय सही पोस्चर में रहें.

चिकित्सा थेरेपी: कई मामलों में, चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा चिकित्सा थेरेपी अनुष्ठान की जाती है जो शारीरिक क्षमता को बढ़ाने और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है. इसमें मसाज, बिल्ली टेंशन, और एस्टरेटिक अभ्यास शामिल हो सकते हैं.

दवाएँ: अधिकतम मामलों में, चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा दर्द और असहमति को कम करने के लिए दवाओं का सुझाव दिया जा सकता है. इसमें प्रेरणात्मक दवाएं, दर्दनिवारक और मांसपेशियों को ढीला करने वाली दवाएं शामिल हो सकती हैं.

लॉर्डोसिस के इलाज में, सही तरीके से बैठाव का पालन और शारीरिक गतिविधियों का नियमित अभ्यास करना महत्वपूर्ण होता है. यदि लॉर्डोसिस के लक्षणों में सुधार नहीं होता है या अधिक दर्द होता है, तो चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना अच्छा होगा.

Source : News Nation Bureau

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