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Lung Cancer: लंग कैंसर फेफड़ों को कितना पहुंचाता है नुकसान, जानें इसके कारण और लक्षण

Lung Cancer: लंग कैंसर (Lung Cancer) एक कैंसर का प्रकार है जो आमतौर पर हमारे फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. आइए जाने इसके क्या है लक्षण और कारण

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Ritika Shree
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Lung Cancer

Lung Cancer( Photo Credit : social media)

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Lung Cancer: लंग कैंसर (Lung Cancer) एक गंभीर रोग है जो श्वसन तंत्र के अंदरूनी हिस्सों में विकसित होता है. यह श्वसन पथ और फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप श्वसन क्षमता कम हो जाती है. धूम्रपान, प्रदूषित वायु, वायुमंडलीय प्रदूषण, और जीवाणुज इन्फेक्शन जैसे कई कारकों के कारण लंग कैंसर हो सकता है. इसके विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे स्मॉल ऑर्बिटल कैंसर और ग्रेटर ऑर्बिटल कैंसर. लंग कैंसर के लक्षण व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति और कैंसर के स्थान के आधार पर भिन्न हो सकते हैं. ये लक्षण छाती में दर्द, खांसी, खूनी खोंच, वजन कमी, श्वास की तकलीफ, और भूखमरी शामिल हो सकते हैं. जल्दी डायग्नोसिस और उपयुक्त इलाज के लिए सटीक चिकित्सा जरूरी है. लंग कैंसर की जाँच के लिए X-रे, स्कैन, और बायोप्सी जैसी प्रक्रियाएं की जाती हैं. उपचार के लिए केमोथेरेपी, रेडिओथेरेपी, और सर्जरी का उपयोग किया जाता है. नियमित जाँच, स्वस्थ जीवनशैली, और धूम्रपान से बचाव करना लंग कैंसर के खिलाफ प्रभावी है. आंकड़ों की माने तों लंग कैंसर से ग्रसित मरीजों में 20 फीसदी की आयु 50 वर्ष से कम है. हैरानी की बात ये है कि, इस बीमारी से ग्रसित 80 फीसदी लोगों को इसका पता एडवांस स्टेज में चला.

लंग कैंसर के कारण

धूम्रपान: धूम्रपान लंग कैंसर का प्रमुख कारण है. निकोटीन और अन्य कैंसरोजनिक रासायनिक पदार्थ धूम्रपान में पाए जाते हैं, जो श्वसन प्रणाली को क्षति पहुंचाते हैं और कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं.

प्रदूषण: वायुमंडलीय प्रदूषण, जैसे कि उद्योग, ट्रांसपोर्ट, और धुआं के कारण उत्पन्न होने वाले रासायनिक तत्व, लंग कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

जीवाणु इंफेक्शन: कुछ जीवाणुज इंफेक्शन, जैसे कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस (TB) और हुमन पापिल्लोमा वायरस (HPV), लंग कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

जेनेटिक प्रवृत्ति: कुछ लोगों में लंग कैंसर के लिए जेनेटिक प्रवृत्ति का योगदान हो सकता है. अगर परिवार में किसी को लंग कैंसर है, तो उनके संबंधित लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है.

रेडिएशन और केमिकल एक्सपोज़र: लंग कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. यह उन लोगों के लिए संभावना बढ़ जाता है जो रेडिएशन और अन्य कैमिकल तत्वों का लंबे समय तक संपर्क में होते हैं, जैसे कि केमोथेरेपी के उपचार का प्रयोग करने वाले मरीजों में.

लंग कैंसर के लक्षण

छाती में दर्द: लंग कैंसर के मरीजों में अक्सर छाती में दर्द का अनुभव होता है, जो कभी-कभी छाती के एक ओर स्थित होता है और सांस लेने या खासी के साथ बदल सकता है.

खांसी: खांसी, विशेष रूप से अट्ठाई के साथ, एक अन्य महत्वपूर्ण लक्षण हो सकता है. यह खांसी अक्सर खूनी हो सकती है या बलगम के साथ आ सकती है.

सांस की तकलीफ: श्वास लेने में तकलीफ का अनुभव हो सकता है, जो लंग कैंसर के लक्षण होता है. यह तकलीफ आमतौर पर संदर्भित होती है, और सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है.

खूनी कफ: लंग कैंसर के मरीजों में अक्सर खूनी कफ के संकेत होते हैं, जो खांसी के साथ या बिना खांसी के हो सकते हैं.

वजन कमी और अनियमित भूख: लंग कैंसर के मरीजों में अक्सर अनियमित भूख और वजन कमी का अनुभव होता है.

चक्कर या भ्रम: लंग कैंसर के मरीजों में अक्सर चक्कर आना या भ्रम का अनुभव होता है.

अन्य लक्षण: अन्य संबंधित लक्षण में थकान, बुखार, सामान्य अस्वस्थता, और बार-बार पेट दर्द शामिल हो सकते हैं.

यदि किसी को इन लक्षणों में से कुछ भी हो, तो उन्हें तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. उचित डायग्नोसिस और इलाज के लिए समय रहते चिकित्सक से संपर्क करना महत्वपूर्ण होता है.

Source : News Nation Bureau

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