उत्तर प्रदेश के मथुरा, आगरा और फिरोजाबाद जिले में ज्यादातर मौतें डेंगू बुखार की वजह से हुई है। आईसीएमआर के निदेशक-जनलर डॉक्टर बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि इन राज्यों में ज्यादातर मौतें डेंगू के D-2 स्ट्रेन से हुई हैं. वहीं, पूरे ब्रज में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में चार जिलों में 14 लोगों की मृत्यु हो गई. अब तक कुल 171 लोगों की जान जा चुकी है. उन्होंने कहा कि यह स्ट्रेन खतरनाक है. नीति आयोग (स्वास्थ्य)के सदस्य, डॉक्टर वी के पॉल ने लोगों से अपील की है कि वो सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि डेंगू की वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं सामने आ सकती हैं और मौतें भी हो सकती हैं.
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डॉक्टर वी के पॉल ने कहा कि मॉक्यूटो नेट का इस्तेमाल कर इस बीमारी से बचें। डेंगू से मौत हो सकती हैं। हमारे पास डेंगू का वैक्सीन भी नहीं है। इसलिए डेंगू को गंभीर बीमारी के तौर पर लेने की जरुरत है। हमें डेंगू के खिलाफ लड़ने की जरुरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू वायरस serotype 2 (DENV-2 or D2)बेहद खतरनाक है। हाल ही में एक केंद्रीय टीम ने फिरोजाबाद जिले का दौरा किया था। टीम ने कहा था कि यहां ज्यादातर मौतें डेंगू की वजह से हुई है। बता दें कि फिरोजाबाद में वायरल और डेंगू बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो और बच्चों की मौत के बाद इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 57 हो गई है। इस बीच, मेडिकल कॉलेज के बाहर कई तीमारदारों ने आरोप लगाया कि उनके मरीजों के पूरी तरह ठीक नहीं होने के बावजूद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। जब इस बारे में डॉक्टर संगीता अनेजा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरीज को छुट्टी पूरी काउंसलिंग करने के बाद ही दी जाती है और यदि फिर भी कोई मामला ऐसा है तो वह इसकी जांच कराएंगी. राज्य की राजधानी लखनऊ से 320 किलोमीटर दूर स्थित फिरोजाबाद, पिछले तीन हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है, जिसमें अधिकांश पीड़ित बच्चे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, कुछ मामले पड़ोसी जिले मथुरा, आगरा और मैनपुरी में भी मिले हैं.
क्या है इसके लक्षण
डेंगू वायरस सीरोटाइप-2 (डी-2) को सबसे अधिक विषाणुजनित स्ट्रेन के रूप में जाना जाता है. डॉक्टर के अनुसार, वायरल के चार सीरोटाइप हैं. डीईएनवी (डी) 1, 2, 3 और 4। डी-1 और 4 में तेज बुखार, प्लेटलेट काउंट कम होना और शरीर में दर्द होता है. डी-2 में तेज बुखार के साथ इंटरनल ब्लीडिंग होने पर शरीर पर चकत्ते पड़ सकते हैं. डी-3 में डेंगू हैमरेजिक फीवर में ब्लीडिंग (नाक, पेट, दिमाग, मसूड़े से रक्तस्राव) होने लगती है. प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। गुर्दा सहित शरीर के अन्य अंग प्रभावित होने लगते हैं और मौत भी हो जाती है.
HIGHLIGHTS
- पूरे ब्रज में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ा
- डेंगू से कई बच्चों की हो चुकी है मौत
- चार जिलों में पिछले 24 घंटे में 14 की मौत