Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस के संक्रमण ने हर तरफ हाहाकार मचा रखा है. ऑक्सीजन (Medical Oxygen) की कमी की वजह से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत की खबरें लगातार चारों तरफ से आ रही हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन गैस की किल्लत होने से अस्पतालों में मरीजों को इसके लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए कई राज्यों से संपर्क किया है और एक दर्जन से अधिक राज्यों को तत्काल अधिक मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई करने का निर्णय लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि केंद्र सरकार की 12 राज्यों के साथ बैठक के बाद राज्यों की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग राज्यों को 6,177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें: दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन लगभग खत्म, केजरीवाल और LG की बैठक जारी
सिर्फ कोर 9 सेक्टर को होगी ऑक्सीजन की सप्लाई
बता दें कि सरकार ने अस्पतालों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सिर्फ कोर 9 सेक्टरों को छोड़कर औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई 22 अप्रैल तक के लिए प्रतिबंधित कर दी है. पीयूष गोयल का कहना है कि कोविड से पहले हमारी मेडिकल ऑक्सीजन की रोजाना खपत तकरीबन 1,000-1,200 मीट्रिक टन थी लेकिन 15 अप्रैल 2021 को खपत बढ़कर 4,795 मीट्रिक टन हो हो गई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर महाराष्ट्र को 1,500 मीट्रिक टन, दिल्ली को 350 मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश को 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गैस की सप्लाई मिलने जा रही है. बता दें कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार समेत कई राज्यों को ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है. यही नहीं कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है.
162 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का निर्णय
वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है. इसके तहत मोदी सरकार (Modi Government) ने सभी राज्यों में जनस्वास्थ्य सुविधाओं में 162 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का निर्णय किया है. इन ऑक्सीजन प्लांट की मदद से कुल 154.19 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन संभव होगा. इस तरह कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे लोगों के उपचार में भारी मदद मिलेगी. गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में एक सौ अस्पतालों के पास प्रधानमंत्री आपात स्थिति नागरिक सहायता और राहत (पीएम केयर्स फंड) के अन्तर्गत अपने ऑक्सीजन संयंत्र होंगे.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, रेमडिसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) और कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म
12 राज्यों में शामिल महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान आदि की ओर से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग विशेष रूप से की जा रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के दौरान 9,301 टन ऑक्सीजन का एक्सपोर्ट किया था और इससे करीब 8.9 करोड़ रुपये की आय हुई थी. बता दें कि ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए अब निजी और सरकारी कंपनियां भी आगे आई हैं और उन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई को शुरू कर दिया है. निजी कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, सेल और जिंदल स्टील शामिल हैं. वहीं IFFCO भी ऑक्सीजन का प्लांट लगा रही है जिसके जरिए अस्पतालों को मुफ्त में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी.
50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन के आयात का फैसला
केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन के आयात का फैसला किया था. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 'मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन के आयात के लिए टेंडर जारी किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- राज्यों की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग राज्यों को 6,177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी
- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार समेत कई राज्यों को ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है