आज की इस बिजी लाइफ में लोगों के पास ना एक्सरसाइज करने का और ना ही लाइफस्टाइल को हेल्दी रखने का टाइम है. ये खास तौर से आदमियों पर लागू होता है क्योंकि वो लोग सुबह-सुबह ऑफिस के लिए निकल जाते है. ऊपर से टाइम पर उठना नहीं हो पाता. बस, घर से ऑफिस, ऑफिस से घर ये ही एक जिंदगी रह जाती है. ऐसे में रोजाना के दिखने वाले छोटे-छोटे सिंप्टम्स भी इग्नोर होने लगते है. जिसकी वजह से वो बड़ी बीमारियों का रूप ले लेते है. ये ही अनदेखी आदमियों पर भारी पड़ जाती है. एक बार के लिए बड़े-बड़े सिंप्टम्स पर नजर चली जाती है.
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मेमोरी लॉस
आदमियों में सबसे ज्यादा मेमोरी लॉस की प्रॉब्लम देखी जाती है. मेमोरी लॉस मतलब लोगों, चीजों और बातों को बार-बार भूलना. अगर ऐसा उम्र (age) बढ़ने के साथ होता है तो इतनी चिंता वाली बात नहीं होती. लेकिन, अगर ऐसा 30 साल की उम्र के आस-पास होने लगे तो ये एक सीरियस इशु बन सकता है. ये स्ट्रोक, अल्जाइमर या अल्कोहल के ज्यादा लेने का साइड-इफेक्ट हो सकता है. बॉडी में कुछ न्यूट्रिएंट्स के कम हो जाने पर भी ये प्रॉब्लम आ सकती है. जिसमें विटामिन B12 की कमी भी शामिल है.
बालों का झड़ना
अगर बाल सर्दियों में झड़ने लगते है तो लोग सोचते हैं कि ठंड की वजह से झड़ रहे होंगे. लेकिन, ऐसा नहीं है. अक्सर सर्जरी, ट्यूमर या हेमरॉइड्स की वजह से बॉडी में आयरन की कमी हो जाती है. बॉडी में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है और बॉडी के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजेनेटेड ब्लड का ट्रांसपोर्टेशन कम होने लगता है. इस कंडीशन में अक्सर लोगों के बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं.
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बार-बार प्यास लगना
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वैसे तो रोजाना 8 से 10 गिलास ही पानी पीना चाहिए. लेकिन, गर्मियों के दिनों में बार-बार प्यास लगना लाजमी है. लेकिन, अगर आपको ये प्रॉब्लम 12 महीने रहती है. तो, ये हाइपरग्लेसेमिया (Hyperglycemia) हो सकता है. जो कि किसी के डायबिटीज की प्रॉब्लम से जूझने के सिंप्टम्स होते है. अगर आपको पेरेंट्स को डायबिटीज है तो, बिना टाइम वेस्ट किए जल्दी से जल्दी ब्लड शुगर चेक करवाएं.
निगलने में तकलीफ
स्टडी के मुताबिक, डिस्फेगिया यानी कि अगर खाना सटकने में किसी तरह की दिक्कत आ रीह है तो, इसे आयरन की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया के सिंप्टम के तौर पर जाना जाता है. डिस्फेगिया और एनीमिया दोनों ज्यादातर ज्यादा उम्र वाले लोगों में ही देखने को मिलते हैं. यदि आदमियों में एनीमिया और डिस्फेगिया एक-साथ होते हैं तो ये GERD के रिस्क को भी बढ़ा सकते है.