दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान ( Delhi State Cancer Institute) और केयरओंसो बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (CareOnco Biotech Pvt. Ltd)ने एक एमओयू पर दस्तखत किये हैं. ये एमओयू कैंसर के संभावित मरीजों की टेस्टिंग को लेकर है. ये टेस्टिंग टेप्स्कैन टेस्ट किट के जरिए होगी, जिसकी लागत सिर्फ 8-10 हजार रुपये होगी. इस एमओयू के माध्यम से दिल्ली में करीब 15 हजार कैंसर के संभावित महीनों की टेस्टिंग अगले 5 वर्षों में हो सकेगी. खास बात ये है कि ये टेस्टिंग किट बेहद जल्दी और सटीक नतीजे देने में सक्षम है.
दिल्ली में 5 सालों में 15 हजार टेस्टिंग
दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के डायरेक्टर डॉ किशोर सिंह ने कहा कि हमें केयरओंसो के साथ साझेदारी करते खुशी हो रही है. हमें टेप्स्कैन में ढेर सारी अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं. डॉ किशोर सिंह ने इस बात पर खुशी जताई कि भारत में मेडिकल के क्षेत्र में वैज्ञानिक अच्छा काम कर रहे हैं. केयरओंसो बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडिंग डायरेक्टर रूपा मित्रा ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कैंसर ग्रस्त लोगों की शुरुआती समय में ही इलाज. इसके लिए कैंसर का शुरुआती स्टेज में ही पकड़ में आना जरूरी है. तभी मरीज को अच्छा इलाज मिल पाएगा. हम डीएससीआई के साथ मिल कर इस सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. बता दें कि इस एमओयू के माध्यम से 5 सालों में 15 हजार कैंसर संदिग्धों की टेस्टिंग की जाएगी.
शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता चल सकेगाट
केयरओंसो के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर डॉ देबर्का सेनगुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के कैंसर संस्थान के साथ मिलकर हम 15 हजार लोगों की टेस्टिंग करेंगे. चूंकि मेरा खुद खा इस प्रोजेक्ट से जुड़ाव है, ऐसे में हमें उम्मीद है कि इन टेस्टिंग से हम लिक्विड बेस्ड कैंसर स्क्रीनिंग की दिशा में क्रांति कर पाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि टेप्स्कैन इस दिशा में क्रांतिकारी साबित होगा. केयरओंसो में लैब ऑपरेशंस के प्रिंसिपल एडवाइजर डॉ गौरव आहूजा ने कहा कि टेप्स्कैन भरोसेमंद है. तुरंत रिजल्ट देने वाला है और री-प्रोड्यूसिबल है. उन्होंने कहा कि इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल से देश को कैंसर से लड़ने में मदद मिलेगी.
भारत में हर साल 14 लाख नए मरीज
भारत में हर साल 14 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिसमें से करीब 80 फीसदी मामलों का पता कैंसर के तीसरे या चौथे स्टेज में चलता है. कैंसर की टेस्टिंग में भारत से बाहर 50 हजार से 1 लाख रुपये तक की लागत आती है. लेकिन भारत में टेप्स्कैन से ये सुविधा सिर्फ 8000 से 10 हजार में मिल जाएगी. टेप्स्कैन के बारे में दावा है कि इसके नतीजे 95 फीसदी एक्यूरेसी के साथ बेहद सफल है. इसकी एक्यूरेसी को 99 फीसदी तक पहुंचाने की कोशिशें तल रही है. टेप्स्कैन हर तरह के कैंस का पता लगाने में सक्षम है. टेप्स्कैन की वजह से कैंसर को शुरुआती दिनों में ही पकड़ा जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- DSCI ने कैंसर टेस्टिंग के लिए साइन किया एमओयू
- 5 सालों में 15 हजार कैंसर संदिग्धों की टेस्टिंग
- महज 8-10 हजार रुपए का ही खर्च
Source : News Nation Bureau