VIDEO: अब भारत में महिलाओं को मिलेगी 'पीरियड्स लीव', दर्द बर्दाश्त करके नहीं करना पड़ेगा काम
महिलाओं की इस तकलीफ को ध्यान में रखते हुए मुबंई की 'कल्चर मशीन' और 'गोजुप' कपंनियों ने 'फर्स्ट डे ऑफ पीरियड लीव' पॉलिसी निकाली है, जिसमें महिलाएं पीरियड के पहले दिन छुट्टी ले सकेंगी और उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा।
महिलाओं के लिए हर महीने पीरियड्स का समय सबसे कष्टदायक होता है। इस दौरान महिलाओं को न केवल असहनीय दर्द बर्दाश्त करना पड़ता है, बल्कि आॅफिस में रहकर अपना सौ प्रतिशत काम भी देना होता है।
लेकिन भारत की दो कंपनियों ने महिलाओं के लिए एक विशेष तोहफा दिया है। जी हां, अब आॅफिस में काम करने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दौरान डिप्रेशन में काम करने की कोई जरूरत नहीं है।
महिलाओं की इस तकलीफ को ध्यान में रखते हुए मुबंई की 'कल्चर मशीन' और 'गोजुप' कपंनियों ने 'फर्स्ट डे ऑफ पीरियड लीव' पॉलिसी निकाली है, जिसमें महिलाएं पीरियड के पहले दिन छुट्टी ले सकेंगी और उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा।
आज भी हमारे देश में मेन्ट्रुअल टॉपिक पर बात करना एक शर्मनाक विषय माना जाता है और महिलाएं भी इन दिनों को बिना कुछ कहे काम का बोझ सहती रहती हैं। ऐसे में इन कंपनियों को महिलाओं को कष्ट भरे दिनों में लीव देना उनके लिए राहत की सांस है।
कल्चर मशीन ने इस पॉलिसी की पहल की है। इस कपंनी में 75 महिलाएं है और सब इस पॉलिसी का पता लगने पर चौंक गई और बहुत खुश हुई। इन महिलाओं के इस रिएक्शन का एक वीडियो भी जारी किया गया है। इस वीडियो में उन्होंने खुशी जताई है कि वह कंपनी की इस सराहनीय पहल से बेहद खुश हैं।
वहीं, शिवसेना की वरिष्ठ पार्षद शीतल महात्रे ने मांग की है कि सरकारी, अर्द्धसरकारी और निजी संस्थाओं में काम कर रही महिलाओं को एक महीने में एक बार 'पीरियड्स लीव' मिलना चाहिए। महात्रे ने कहा, 'मैंने एक प्रस्ताव का नोटिस दिया, जिसमें कहा गया कि सदन द्वारा इस पहल पर चर्चा और इसे पारित किया जाना चाहिए कि महिलाओं को माहवारी के पहले दिन अवकाश दिया जाए।' उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं इन दिनों होने वाले असहनीय दर्द जैसी समस्याओं में मदद करना है। महात्रे ने दावा किया कि चीन सहित सात देशों में इस तरह की छुट्टी की मंजूरी है।
बता दें इटली सहित दुनिया में कई ऐसे देश है, जहां कामकाजी महिलाओं को तीन दिन का सवेतन माहवारी अवकाश दी जाती है। इंडोनेशिया में कंपनियों को पीरियड्स के दिनों में औरतों से कम काम लेने की इजाजत दी गई है। जापान में सन् 1947 से ही लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में छुट्टियां मिलती हैं।